स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव में मोदी ने जीत का परचम लहराया है। कांग्रेस के सपनों पर मोदी ने अपनी जीत के साथ ग्रहण लगा दिया है तो दूसरी ओर सपा-बसपा भी इस बार मायूस हो गए है। इस महागठबंधन से सपा को कोई खास नुकसान हुआ है जबकि फायदा में बसपा रही है।
महागठबंधन की हार से शिवपाल यादव भी खुश नजर आ रहे हैं। हालांकि वह खुद चुनाव हार चुके हैं लेकिन अपनी हार का कोई गम नहीं है उन्हें बल्कि अपने भतीजे की हार पर खुश नजर आ रहे हैं। जानकारों की माने तो शिवपाल यादव अपनी हार पर इतने दुखी नहीं है जितना अपने भतीजे की हार से खुश हैं।
शिवपाल यादव आज अगर सपा में नहीं है तो इसके पीछे रामगोपाल यादव का बड़ा हाथ है। जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव के रिश्ते इतने खराब हो चुके थे कि दोनों एक दूसरे को देखना तक नहीं चाहते हैं।
माना तो यही जा रही है कि शिवपाल यादव कही और से भी चुनाव लड़ सकते थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर फिरोजाबाद को चुना ताकि अक्षय यादव को पराजित कर रामगोपाल यादव से बदला लिया जा सके। शिवपाल यादव ने इतना ही नहीं हर जगह सपा-बसपा को वोट काटने का काम किया है। इस वजह से सपा-बसपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।