स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन फेल हो गया है। हार के बाद आलम यह रहा है कि दोनों की राहे अलग हो गई है। सपा में हार का गहरा असर पड़ा है। अखिलेश के नेतृत्वा को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। हार के बाद मुलायम ने मोर्चा संभाला है। इसके बाद उन्होंने हार का कारण खोजने की कोशिश की है। इस दौरान उन्होंने सपा के पुराने चेहरे को पार्टी में वापस लाने के लिए अखिलेश से कहा है लेकिन शिवपाल यादव की वापसी को लेकर रार चरम पर है।
मुलायम चाहते हैं कि दोबारा से शिवपाल यादव इस पार्टी का हिस्सा हो लेकिन ऐसा फिलहाल संभव नजर नहीं आ रहा है। प्रसपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि अभी तक उसे इस बारे में सपा से कोई ऑफर नहीं मिला है। मुलायम सपा को दोबारा जिंदा करना चाहते हैं। इस वजह से वह सपा के कुनबे को एक करना चाहते हैं। इस वजह से मुलायम लगातार पुराने सपाईयों से मुलाकात कर रहे हैं। प्रसपा के प्रवक्ता सीपी राय ने जुबिली पोस्ट से कहा था कि मुलायम से उनकी मुलाकात हुई थी लेकिन अभी तक ऐसा कोई ऑफर नहीं आया है कि वह दोबारा सपा में जाये। उधर इस पूरे मामले पर शिवपाल यादव का कोई बयान सामने नहीं आ रहा है।
शिवपाल खेमे का कहना है कि अब तक उन तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। 10 जून के बाद वह अपनी संगठनात्मक बैठकों के जरिए आगे की तैयारी में जुटेंगे। जानकारी के मुताबिक मुलायम और शिवपाल यादव भी मिले हैं लेकिन मीडिया में इसका खुलासा नहीं हो पाया है। सपा के एक नेता ने भी माना है कि परिवार को एक जुट होने का वक्त है लेकिन शिवपाल को लेकर कोई कुछ नहीं कह रहा है। तीन बड़ी हार से सपा को अगर दोबार जिंदा होना है तो पहले परिवार को एक होना होगा। जानकार मानते हैं कि शिवपाल ने जब से सपा से किनारा किया था तब अखिलेश मजबूत थे लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
दूसरी ओर शिवपाल की तरफ से इसे अफवाह बताया जा रहा है लेकिन साफ कर दिया है कि सम्मानजनक वापसी का कोई प्रस्ताव आएगा तब सोचेंगे। गुरुवार को आवास पर पहुंचे पत्रकारों के सवालों से प्रसपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी लेकिन इतना कह दिया है कि पहले वार्ता हो जाये तब इसपर कुछ बोल सकते हैं। कुल मिलाकर अब देखना होगा कि शिवपाल यादव को लेकर अखिलेश यादव अगला कदम क्या कदम उठाते हैं।