जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। यूपी में विधान सभा चुनाव अगले साल है लेकिन इसकी तैयारी अभी से राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। जहां एक ओर बीजेपी ने दोबारा सत्ता में लौटने का सपना देख रही है तो दूसरी ओर अखिलेश बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने में जुट गई है। हालांकि पंचायत चुनाव में अखिलेश और शिवपाल एक साथ मिलकर चुनाव लड़े हैं। इसका दोनों को बड़ा फायदा हुआ है।
उधर शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने अभी चुनाव के लिए कमर कस ली है। इसको लेकर उन्होंने हाल में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने करीब 150 सीटों पर चुनाव लडऩे की बात कही है। इतना ही नहीं यूपी की 20 सीटों के उम्मीदवारों के नामों का खुलासा किया है। इसके आलावा शिवपाल यादव अभी से सभी समाजवादी विचारधारा को एक मंच पर लाने की तैयारी में जुट गए है।
जानकारी के मुताबिक शिवपाल यादव कोरोना काल में भी अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए एक अलग रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 6 माह पहले से ही विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए तैयारियों का जायजा लिया था।
एक अखबार में छपी खबर के अनुसार प्रसपा के मुखिया व पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए किसी भी दल से समझौता करने को तैयार है। इसी वजह से शिवपाल यादव समाजवादी विचारधारा वाले दलों को एक प्लेटफॉर्म लाने का प्रयास कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : संबित्र पात्रा को किसने कहा कि ‘तुम दो कौड़ी के नाली के कीड़े हो’
यह भी पढ़ें : चीन के लैब से कोरोना वायरस लीक होने को लेकर ब्रिटेन ने क्या कहा?
राजनीतिक के जानकारों की माने तो 2022 विधानसभा चुनाव में चचा भतीजे एक साथ आते हैं तो अखिलेश के लिए राह आसान हो सकती है। अब देखना होगा कि क्या सच में अखिलेश शिवपाल एक साथ विधान सभा चुनाव में ताल ठोंकते हैं या नहीं।