लखनऊ. वैसे तो नेताओं का तीज-त्योहार पर बधाई संदेश देना आम है लेकिन शिवपाल ने अपने संदेश की जो चिट्ठी जारी की है उसके भरपूर सियायी मायने निकाले जा रहे हैं. इस बधाई संदेश को अखिलेश यादव के खिलाफ शिवपाल का महाभारत का एलान माना जा रहा है. सवाल ये भी है कि शिवपाल ने अपने संदेश में जिस ‘कंस’ की बात की है, वो उनकी नजर में आखिर है कौन?
शिवपाल यादव केल चिट्ठी ने मचाया बवाल
इस मामले में उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, ” शिवपाल यादव का कंस बयान साफतौर पर इशारा करता है कि किस तरह से अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को सत्ता से हटाकर समाजवादी पार्टी पर कब्जा किया था.उन्होंने कहा कि जब सपा की सरकार उत्तर प्रदेश में थी, तब कंस के जैसा आत्याचार पूरे प्रदेश में था. जिसको योगी आदित्यनाथ ने अपने योग साधना इस राज को समाप्त करने का काम किया है. त्रिपाठी आगे कहते हैं कि आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित है.
यादव समाज से की अनूठी अपील
शिवपाल यादव ने कृष्ण जन्मोत्सव पर ऐसी बधाई दी है, जो चर्चा का विषय बन गई है. उन्होंने भगवद्गीता का उल्लेख कर यादव समाज से अनूठी अपील कर डाली. पिता को छल बल से अपमानित कर पद से हटाने वाले कंस का जिक्र करते हुए अखिलेश के चाचा शिवपाल ने जो आह्वान किया है. शिवपाल यादव ने शुक्रवार को जन्माष्टमी के मौके पर यदुवंशियों को संबोधित करते हुए लिखी चिट्ठी में कहा कि समाज में जब भी कोई कंस अपने (पूज्य) पिता को छल बल से अपमानित कर पद से हटाकर अनधिकृत आधिपत्य स्थापित करता है तो धर्म की रक्षा के लिए मां यशोदा के लाल ग्वालों के सखा योगेश्वर श्रीकृष्ण अवतार लेते हैं.
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