जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव के पहले दौर का मतदान हो चूका है और दूसरे फेस का मतदान आज हो रहा है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने पूरी तरह कमर कस ली है और वोट की खातिर लगातार जनता के बीच जा रहे हैं।
राहुल गांधी से लेकर मोदी लगातार जनता के बीच जा रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे को टारगेट कर रही है और जमकर जुबानी जंग देखने को मिल रही है। उधर उत्तर प्रदेश में भी राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है। सपा और बीजपी के बीच जुब़ानी जंग तेज हो गई है।
सीएम योगी ने कहा कि बेचारे शिवपाल पर तरस आती है। शिवपाल केवल चूरन खाने वाले रह गए हैं। कभी मुलायम सिंह के मुख्य सिपहसालार हुआ करते थे। पूरे प्रदेश में तूती बोलती थी। आज क्या हालत है। उन्हें बैठने के लिए सोफा नहीं, बल्कि हत्था मिलता है। शिवपाल चूरन खाने के आदी हो गए हैं।
मैनपुरी संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के समर्थन में जसवंतनगर स्थित रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुये योगी ने गुरुवार को कहा ‘‘ चाचा शिवपाल देश हित में भाजपा का सहयोग करें ताकि देश तरक्की कर सके।’
’ उन्होने कहा ‘‘ मुझे तो चाचा शिवपाल पर तरस आता है। वह तो ऐसे है जैसे सत्य नारायण की कथा में जजमान एक होता है जो कथा सुनता है। बाद में अन्य लोगों को चूरन वितरित कर दिया जाता है तो यह केवल चूरन खाने वाले व्यक्ति रह गए हैं। कभी यह मुलायम सिंह यादव के मुख्य सिपहसलार हुआ करते थे और पूरे प्रदेश में उनकी तूती बोलती थी।
और आज इनकी क्या हालत हो गई है अगर कोई कार्यक्रम होता है तो उनको बैठने के लिए सोफा नहीं मिलता है, सिर्फ हत्था मिलता है और यह चूरन खाने के आदी हो गए हैं इसलिए मैं आप सबसे कहना चाहता हूं, यह वीर भूमि है चूरन मत खाइए भाजपा के द्वारा सत्ता में भागीदार बनकर आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का कार्य करिए।
अब इस मामले में शिवपाल यादव के साथ-साथ अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर जोरदार हमला बोला है। शिवपाल यादव ने ट्वीटर पर लिखा है कि ज्ञानी मुख्यमंत्री महोदय,भगवान सत्यनारायण की कथा के पश्चात चूरन नहीं प्रसाद वितरित होता है। पवित्र प्रसाद को चूरन कहना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है। जहां तक चूरन खाने वाले व्यक्ति का सवाल है,आपको पता होना चाहिए कि इस चूरन खाने वाले ने बहुतों का हाजमा दुरुस्त किया है।
ज्ञानी मुख्यमंत्री महोदय,भगवान सत्यनारायण की कथा के पश्चात चूरन नहीं प्रसाद वितरित होता है। पवित्र प्रसाद को चूरन कहना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है।
जहां तक चूरन खाने वाले व्यक्ति का सवाल है,आपको पता होना चाहिए कि इस चूरन खाने वाले ने बहुतों का हाजमा दुरुस्त किया है। pic.twitter.com/XjEQDZ5yN4
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) April 25, 2024
वहीं अखिलेश यादव ने लिखा है कि वसूली को चंदा कहनेवाले, अब प्रसाद को चूरन कह रहे हैं। कभी ये छियालिस में छप्पन वाली उल्टी गणित समझाते हैं। इनका सब कुछ उल्टा-पुल्टा है, इसीलिए इस बार जनता इनको उलटने-पलटने जा रही है। जनता सही पाठ पढ़ाने के लिए भाजपा की क्लास लेने को तैयार है, पहले चरण का लेक्चर हो चुका है, दूसरा सबक़ कल दिया जाएगा… आख़िरी चरण आते-आते जनता इनका पूरा इलाज कर देगी।