Monday - 28 October 2024 - 2:01 PM

बंगाल में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है शिवसेना!

जुबिली न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान तेज हो गया है। भले ही विधानसभा चुनाव में अभी कुछ वक्त है बावजूद इसके राजनीतिक दल एक-दूसरे का खेल बिगाडऩे का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।

बंगाल में अभी जो हालात दिख रहे हैं उससे चुनावी लड़ाई भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के बीच होना है। ये दोनों दल एक-दूसरे को भरपूर चुनौती पेश कर रहे हैं। भाजपा हर वह कोशिश कर रही है जिससे ममता बनर्जी को चुनाव में नुकसान हो।

फिलहाल खबर है कि बंगाल में भाजपा का खेल बिगाडऩे के लिए शिवसेना ने कमर कस ली है। शिवसेना ने ऐसा संकेत दिया है कि वह मैदान में करीब 100 उम्मीदवार उतार सकती है।

टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल चुनाव को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यहां का दौरा भी कर सकते हैं। शिवसेना कोलकाता, हुगली, दमदम समेत कई इलाकों में अपने उम्मीदवार खड़ी करेगी। हालाँकि चुनाव लडऩे पर अंतिम निर्णय 29 जनवरी को पार्टी मीटिंग में लिया जा सकता है।

जानकारों की माने तो शिवसेना बंगाल में चुनाव लड़ती है तो इससे भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा इस चुनाव में जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। उसके लिए करो या मरो वाली स्थिति हो गई है।

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शिवसेना के चुनाव लड़ने पर हिंदू वोटों का बंटावारा होगा जिसका सीधा नुकसान भाजपा को होगा। राज्य के पांच करोड़ हिंदु मतदाताओं पर भाजपा अपनी निगाह बनाए हुए हैं। चूंकि शिवसेना का भी एजेंडा हिंदुत्व ही है इसलिए वोटों का बंटवारा तय है।

शिवसेना ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बंगाल में अपने उम्मीदवार उतारे थे। उस समय शिवसेना बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा हुआ करती थी। अब हालात बदल गए हैं।

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शिवसेना के इस कदम से कई पार्टियां चौंक सकती है, क्योंकि पिछले दिनों जब ओवैसी के बंगाल चुनाव में इंट्री का ऐलान किया था तब शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि कोई कुछ भी कर ले लेकिन बंगाल में जीतेगी तो ममता दीदी ही।

संजय राउत ने यह भी कहा था कि ममता दीदी का राजनीतिक अनुभव बड़ा है, देश में जिस तरह से AIMIM चुनाव लड़ रही है और वोटों का बंटवारा कर रही है , उससे देश के मन में जरूर ये आशंका पैदा होती है कि ओवैसी की पार्टी का एजेंडा क्या है। लेकिन इसके बावजूद भी बंगाल में जीत ममता बनर्जी की ही होगी।

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 211, लेफ्ट को 33, कांग्रेस को 44 और बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थीं। हां, 2019 के लोकसभा चुनाव बीजेपी ने बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया।

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