Tuesday - 29 October 2024 - 9:32 AM

हिंदुत्व पर ठाकरे भाइयों में ठनी

न्‍यूज डेस्‍क

महाराष्‍ट्र की राजनीति में भगवा और हिंदुत्‍व हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भले ही बीजेपी से रिश्‍ते तोड़ कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बना लिए हो, लेकिन वे हिंदुत्‍व के नारे को छोड़ने को तैयार नहीं है। वो भी जब उनके चचेरे भाई और महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना के अध्‍यक्ष राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के झण्‍डे को भगवा कर दिया हो।

बाला साहब ठाकरे की विरासत की जंग महाराष्‍ट्र में यूं तो काफी दिनों से चल रही है और शिवसेना की कमान मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने इस जंग को विराम लगा दिया था, लेकिन अपनी अलग पार्टी बनाकर जनता के बीच बाला साहब ठाकरे की विरासत को पाने के लिए राज ठाकरे लगातार कोशिश कर रहे हैं।

महाराष्‍ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी के साथ-साथ राज ठाकरे भी शिवसेना पर हमलावर हैं। साथ ही जनता के बीच हिंदुत्‍व का मुद्दा उठाकर हिंदुओं के हितैशी बनने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं अपनी पार्टी के झण्‍डे का रंग भगवा करके अपने बेटे अमित ठाकरे को भी राजनीति के मैदान में उतार दिया है।

इससे बौखलाई शिवसेना लगातार राज ठाकरे पर निशाना साध रही है और ये साफ कर रही है कि भले ही शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार बना ली हो, लेकिन वो अपनी विचारधारा के साथ कोई भी समझौता नहीं करने वाली है।

शिवसेना के मुखपत्र सामना में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठियों के खिलाफ एक बार फिर से आवाज बुलंद की गई है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर निकलाना चाहिए। सामना में एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे पर भी तंज कसा गया है।

शिवसेना ने सामना में कहा कि पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़े, ये मजेदार है। दूसरी बात ये कि इसके लिए एक नहीं, दो झंडों की योजना बनाना ये दुविधा या फिसलती गाड़ी के लक्षण हैं। राज ठाकरे और उनकी 14 साल पुरानी पार्टी का गठन मराठा मुद्दे पर हुआ था। लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है।

शिवसेना का बयान उस समय सामने आया है, जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बावजूद शिवसेना ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर लोकसभा में मोदी सरकार का साथ दिया था। हालांकि बाद में राज्यसभा में शिवसेना ने वॉकआउट किया था और मोदी सरकार संसद से नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित कराने में कामयाब हो गई थी।

बता दें कि मोदी सरकार का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम बनाया गया है। इसका हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं हैं। इस कानून में सिर्फ नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

हालांकि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं। इन दलों का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। साथ ही इसके खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसको लेकर हिंसक प्रदर्शन भी देखने को मिल चुके हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com