Wednesday - 30 October 2024 - 3:21 PM

‘महाराष्ट्र में नए समीकरण बनने से लोगों के पेट में दर्द’

न्यूज़ डेस्क

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे में अभी भी सरकार बनने के रास्ते बंद नहीं हुए है। इसके लिए शिवसेना के प्रयास लगभग कामयाब होते दिख रहे है। इसके साथ ही शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमलावर होती जा रही है। एक बार फिर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा है।

अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना एक सम्पादकीय लेख लिखा है, जिसका शीर्षक ‘राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार’ रखा है। इस लेख में शिवसेना बीजेपी पर हमलावर हुई है। और कहा है कि महाराष्ट्र में नए समीकरण से कई लोगों के ‘पेट में दर्द’ हो रहा है। महाराष्ट्र में जो सरकार बनने जा रही है, उसे छह महीने सरकार न टिकने का श्राप दिए जा रहे है। ऐसा बीजेपी अपनी कमजोरी छुपाने के लिए कर रही है।

गौरतलब है कि बीजेपी के नेता ने बीते शुक्रवार को बयान दिया था कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। इस पर ‘सामना’ में लिखा गया है कि बीजेपी किस मुंह से कह रही है कि राज्य में सरकार बनाएगी। यही नहीं ऐसा भी लिखा गया है कि खुद को महाराष्ट्र का मालिक समझ रही बीजेपी इस मानसिकता से बाहर आएं। उन्होंने कहा कि सत्ता या सीएम पद के साथ कोई जन्म नहीं होता है।

सीएम होगा शिवसेना का

दरअसल, महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार बनती नजर आ रही है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी बन गया है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच मंत्रियों को लेकर 14-14-12 का फॉर्मूला भी तय हो गया है। साथ ही यह भी तय हो गया है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।

इस बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं है। यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी। हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

तीनो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मिलेगा राज्यपाल से

इसको लेकर कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा। लेकिन इस बैठक में तीनो दलों का कहना है कि यह बैठक वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए है, ना कि सरकार गठन को लेकर।

पहली बार होगा ऐसा प्रयोग

बता दें कि महाराष्ट्र में ऐसा प्रयोग पहली बार हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बनाने जा रहे हैं। इस सरकार का नेतृत्व शिवसेना करेगी। जबकि इससे पहले पिछले दो दशकों से राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है।

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