न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे चर्चित युवा चेहरा आदित्य ठाकरे रहे हैं। आदित्य ने चुनाव लड़कर ठाकरे परिवार की परंपरा को ही बदल दिया और चुनाव जीत कर शिवसेना के राजनीतिक भविष्य के तौर पर खुद को साबित भी किया है।
बता दें कि शिवसेना के 53 साल के इतिहास में न पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने कभी चुनाव लड़ा और उनके वारिस उद्धव ठाकरे। मगर पारिवारिक राजनीति संभालने का मौका जब आदित्य के पास आया तो उन्होंने अतीत को भुला दिया और चुनाव मैदान में उतर गए। आदित्य वर्ली सीट से चुनाव जीत भी गए हैं और अब चर्चा उनके मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनने को लेकर है।
इस चर्चा को सच्चाई में बदलने के लिए शिवसेना ने कमर कस ली है। मुंबई में पार्टी मुख्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में सरकार बनाने के लिए 50-50 का फॉर्मूला एक बार फिर से उछला है। इस बार शिवसेना ने सीएम पद को लेकर लिखित आश्वासन मांगा है।
शिव सेना के टिकट पर सिल्लोड से जीतने वाले मुस्लिम विधायक अब्दुल सत्तार ने कहा कि वे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन के दौरान तय किया था कि राज्य में पहले 2.5 साल शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा, इसके बाद अगले ढाई साल बीजेपी का सीएम होगा।
अब्दुल सत्तार की ही तरह शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने भी शिवसेना से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की सरनाइक ने कहा कि सभी शिवसैनिक शिवसेना से ही मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।
चुनाव से पहले 50-50 फार्मूले पर बात हुई थी। अब इस बारे में उद्धव ठाकरे निर्णय करेंगे। हम बैठक में उनसे मांग करेंगे कि शिवसेना से ही मुख्यमंत्री बनाया जाए। हम आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन को जीत हासिल हुई है। हालांकि अब महाराष्ट्र में कुछ ऐसे पोस्टर देखने को मिले हैं, जो आदित्य ठाकरे को भावी मुख्यमंत्री करार दे रहे हैं। वर्ली सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले आदित्य ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के समर्थन में वर्ली में पोस्टर लगे हैं।