विवेक अवस्थी
मुंबई। भले ही एकनाथ शिंदे बीजेपी की मदद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हो लेकिन उनकी सरकार कितने दिन चलेगी ये किसी को पता नहीं है। नई सरकार को तीन महीने का वक्त हो गया है लेकिन एकनाथ शिंदे के साथ आए लोग अब उनका साथ छोड़ सकते हैं।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि शिवसेना से बागी ज्यादातर विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में खुद को मंत्री देखना चाहते है लेकिन अब भी कई लोगों को मंत्री बनने का मौका नहीं दिया गया है। ऐसे में ये लोग एकनाथ शिंदे की मुश्किलें बढ़ा सकतेहैं।
दूसरी ओर एकनाथ शिंदे बेखबर है लेकिन शिवसेना सुप्रीमो को उद्धव ठाकरे को कमजोर करने के लिए लगातार जुटे हुए है। दरअसल एकनाथ शिंदे पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से सांसद गजानन कीर्तिकर उनके पाले में जाने की तैयारी में थे।
इसका खाका खुद एकनाथ शिंदे ने तब खींचा था जब मुख्यमंत्री शिंदे कीर्तिकर के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उनके पर आवास पहुंचे थे। माना जा रहा था इस मुलाकात के लिए ये तय हो गया था कि वो उनके साथ जा सकते हैं लेकिन ऐन वक्त पर गजानन के बेटे अमोल कीर्तिकर की एंट्री होती है। और उन्होंने अपने पिता को मनाया और उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया।
आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे ने हाल ही में अमोल कीर्तिकर को शिवसेना का उपनेता बनाया है। इतना ही नहीं े अपने पिता का शिंदे गुट में शामिल होने के खिलाफ थे।
बेटे ने अपने पिता से कहा, ”शिवसेना और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे मुश्किल में हैं। ऐसे में अगर हम उद्धव साहब को छोड़ दें तो भगवान भी मुझे माफ नहीं करेंगे। दुनिया में मेरे जैसा कोई मतलबी इंसान नहीं होगा। हालांकि अब बेटे की बात मान ली है और अपने कदम पीछे कर लिए है।