जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 में होना है। इस वजह से राजनीतिक दलों के मौजूदा साल काफी अहम है। दरअसल इस साल कई राज्यों में विधान सभा चुनाव होना है।दरअसल बीजेपी लोकसभा चुनाव को देखते हुए हर राज्यों पर अपना फोकस कर रही है। बिहार में उसने माझी से हाथ मिलाया तो दूसरी ओर महाराष्ट्र में उसने बड़ा खेल कर दिया है।
बीजेपी ने एनसीपी यानी शरद पवार की पार्टी में सेंध लगा दी है। जिस तरह से शिवसेना टूटी थी ठीक वैसे ही एनसीपी पूरी तरह से टूट गई। अजित पवार ने अलग रास्ता चुन लिया और शिंदे की सरकार में शामिल होकर उन्होंने शरद पवार को सख्य संदेश दे दिया है।
अब देखना होगा कि एनसीपी किसकी होती है-शरद पवार की या फिर अजित पवार की। ये तो आने वाला वक्त बतायेंगा लेकिन इतना तो तय है कि दोनों असली एनसीपी होने का दावा जरूर करेंगे। इस सब के बीच बीजेपी जो चाहती उसे वहीं मिलता हुआ नजर आ रहा है।दरअसल लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अब पहले से ज्यादा मजबूत हो गई है।
राजनीतिक के जानकारों की माने तो शिंदे को कमजोर करने के लिए बीजेपी ने महाराष्ट्र में बड़ा खेल कर दिया है। इसको समझना है तो ऐसे समझिये कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने एक तीर से दो निशाने साधे है। लोकसभा चुनाव में उसे अजित पवर के रूप में उसे नया सहयोगी भी मिल गया है जो उसे महाराष्ट्र जीत दिला सकता है।
इतना ही नहीं विधान सभा चुनाव में उसको फायदा जरूर मिलेगा। अजित पवार से हाथ मिलाने से शिंदे पर अब ज्यादा दबाव होगा।
दूसरी तरफ चाचा और भतीजे की जंग का असर अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर पड़ता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार का साथ छोड़ शिंदे सरकार शामिल हो गए है। इस वजह से अजित पवार और एनसीपी के बड़े नेताओं के इस कदम के बाद जहां भाजपा मजबूत दिखाई दे रही है वहीं शिंदे गुट में कमजोर हो गया है।
अभी हाल में ही संजय राउत ने कहा था कि जल्द ही एकनाथ शिंदे के हाथ से मुख्यमंत्री पद चला जाएगा। शिंदे गुट की बेचैनी बढ़ गई और इस वजह से शिंदे के मंत्रियों ने सीएम से मुलाकात कर पूरी स्थिति पर चर्चा की है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री उदय सामंत, गुलाबराव पाटिल, शंभूराज देसाई के साथ शिंदे गुट के नेता दादा भुसे, संदीपन भुमरे मौजूद थे। शिंदे गुट को लगता है कि आने वाले दिनों में बीजेपी अजित पवार के साथ मिलकर उनका खेल बिगाड़ा सकती है। इस वजह से शिंदे गुट काफी चिंता में है और लगातार बैठक कर अपनी रणनीति बना रहा है।