Monday - 28 October 2024 - 11:42 PM

शिक्षामित्र, पूर्व IAS, IPS और कांग्रेस…चक्रव्यूह में घिरी योगी सरकार

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

उत्तर प्रदेश का चर्चित 69000 सहायक शिक्षक भर्ती घोटाला योगी सरकार के गले की फांस बनता जा रहा है। कोर्ट-कचहरी का चक्‍कर लगा रही सरकार पर भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगने लगा है। इस मामले में अब सरकार को चौतरफा आलोचना झेलनी पड़ रही है।

शिक्षामित्रों के बाद अब पूर्व आईएएस आधिकारी और विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गए हैं। सरकार को कोर्ट में शिक्षामित्रों से लोहा लेना पड रहा हैं। वहीं रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीटर पर सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है।

उन्‍होंने ट्वीट करके लिखा है

मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी, अगर 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर आवाज़ उठाने पर आप मुझसे नाराज़ हैं तो उसका बदला निकालने के लिए एक अदद ट्वीट को आधार बनाने की जरूरत नहीं है। आप सीधे ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का गला घोंटते हुए भी मुझपर मुक़दमा कर सकते थे।

छात्रों के लिए उठायी आवाज सत्ता के डर से दबा दूँ मेरी परवरिश और संस्कार इसकी इजाजत नहीं देते। तानाशाही रवैया इस सरकार ने अपनाया ही था पर सीधा मुकदमा कर के आपने रही सही कसर पूरी कर दी। आज और अभी से मैं यह प्रण लेता हूँ कि बच्चों के भविष्य के लिए अंतिम साँस तक तानाशाहों से लड़ूँगा।

तो वहीं आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले हुए  भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए हैं और एफआईआर दर्ज कराने को लेकर अड़ गए हैं। उत्तर प्रदेश में 69 हजार टीचरों की भर्ती मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की है।

अर्जी पर स्पेशल सीजेएम ने कर्नलगंज थाने से रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले अमिताभ ने कर्नलगंज थाने में प्रार्थनापत्र देकर मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की थी, लेकिन थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। इस कारण उन्होंने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत निचली अदालत में अर्जी दाखिल की है।

दूसरी ओर यूपी में शिक्षक भर्ती और वेतन मामले को लेकर कांग्रेस बड़े आंदोलन की तैयारी में है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि इस मुद्दे से लाखों युवाओं और उनके परिवारों से सीधे जुड़ा जा सकता है। प्रियंका गांधी वाड्रा सीधे पीड़ित परीक्षार्थियों से भी बात कर रही हैं।

कांग्रेस पार्टी की महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार भर्ती में हुई अनियमितता पर सवाल उठाकर योगी सरकार को घेर रही हैं। प्रियंका ने इस मुद्दे पर फिलहाल सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यूपी कांग्रेस के नेताओं समेत उन सभी परीक्षार्थियों को जोड़ने की रणनीति बनाई जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे।

प्रियंका ने ट्वीट कर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि लाखों युवाओं ने परीक्षा दी, नौकरी की आस लगाई और साल भर इंतजार किया।

प्रियंका का कहना है कि योगी सरकार की नाक के नीचे ये महाघोटाला सिस्टम में बैठे लोगों की सांठगांठ से होता रहा। साल भर इसे दबाए रखा, अब सरकार को परीक्षा में शामिल हुए मेहनती छात्रों व सफल हुए लोगों को जवाब देना ही होगा। कांग्रेस ने शिक्षक भर्ती और वेतन के फर्जीवाड़े की न्यायिक जांच की मांग की है।

भर्ती घोटाले को लेकर कांग्रेस और योगी सरकार के बीच बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने प्रियंका गांधी आमने सामने आ गए हैं। प्रियंका के ट्वीट के जवाब में मंत्री ने कहा कि इस भर्ती में कहीं भी घोटाला हुआ है।

सतीश द्विवेदी ने अपने ट्विटर हैंडल से जवाब दिया कि मिसेज वाड्रा आप तो गरीबों की जमीन लूटने वाले अपने पति रॉबर्ट वाड्रा को बड़े गर्व से ईडी के दफ्तर छोड़कर आई थीं। आपके परिवार ने अमेठी के किसानों की जमीन साइकल कंपनी के नाम पर लूट ली। घोटालों के अंधों को चौतरफा घोटाला ही दिखता है।

प्रियंका गांधी वाड्रा पर बयानबाजी को लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सूची विश्वास ने उन को आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा आप शिक्षा विभाग के मंत्री हैं तो शिक्षित व्यक्ति की तरह संवाद करें निम्न कोटि के बयानबाजी के लिए आपको प्रियंका गांधी वाड्रा से माफी मांगनी चाहिए और जब तक 69000 पदों पर नियुक्ति ना हो जाए तब तक आप नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दें।

उन्‍होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने लाखों बच्चों का भविष्य अंधकार में कर दिया और उनके सपनों को पांव तले कुचल दिया है। आप की सरकार एक भी भरती निष्पक्ष नहीं करा पाई एक भी छात्र का रोजगार नहीं दे पाई आप नौकरियों की खुली नीलामी क्यों नहीं करते स्पष्ट बताइए कौन सा पद कितने रुपए में बेच रहे हैं घुमा फिरा कर रैकेट चला कर धंधा वसूली क्यों कर रहे हैं या फिर आपकी खिसियाहट बात का प्रमाण है कि आपके विभाग में घोटाला आप के समर्थन से हुआ कभी एसटीएफ पर ठीकरा फोड़ रहे हैं कभी लेखपाल को निलंबित कर रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि बीजेपी स्वीकार करे कि सत्ता के संरक्षण के बगैर घोटाला कहीं नहीं हो सकता वो चाहे ऊर्जा मंत्री डीएचएफएल घोटाले में हो या शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी जी उत्तर प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन द्वारा घटिया पीपीट की सप्लाई हो या केंद्र में भाजपा सरकार द्वारा आईसीएमआर  टेस्टिंग किट में दलाली हो गुजरात के नकली वेंटीलेटर हो या हिमाचल प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष का टेस्टिंग किट की खरीद में घोटाला केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना से निपटने में पूरी तरह विफल रही प्रवासी मजदूरों का दर्द किसी से छुपा नहीं और लाखों लोग अपने रोजगार कमा गवा चुके हैं अपनी नाकामियों को ट्विटर की बयानबाजी की आड़ में छुपाने की कोशिश केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा के मंत्री और प्रवक्ता करते रहते हैं।

 

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