जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना वायरस कोविड-19 की दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को लेकर आज नियामक की मंजूरी मिल गयी, जिससे कोरोना के टीकाकरण का रास्ता साफ हो गया है।
भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) डॉ वेणुगोपाल जी सोमानी ने आज इस बाबत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की“कोविशील्ड’ के आपात इस्तेमाल को लेकर की गयी अपनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की सिफारिश को मंजूरी दे दी है।
दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने इसको लेकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि कोवैक्सीन समय से पहले है। ऐसे में यह खतरनाक हो सकती है, क्योंकि अभी इसके तीसरे चरण का परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से आग्रह किया कि वे टीका के पूर्ण परीक्षण पूरा होने तक प्रतीक्षा करें।
केरल के तिरुवनंतपुरम से संसद थरूर ने ट्विटर पर कहा, “कोवैक्सीन का अभी तक तीसरे चरण का परीक्षण नहीं हुआ है। समय से पहले इसकी मंजूरी दी गई है, जो कि खतरनाक हो सकता है।” उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ड.। हर्षवर्धन से आग्रह किया कि जब तक ट्रायल पूरा न हो जाए तब तक कोवैक्सीन के इस्तेमाल से बचें।
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उन्होंने ट्वीट कर कहा, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को स्पष्ट करना चाहिए। जब तक पूर्ण परीक्षण नहीं हो जाता, तब तक इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए। भारत इस बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साथ टीकाकरण की शुरुआत कर सकता है।”
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डीसीजीआई ने कहा कि इससे पहले आज सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के सीओवीआईडी -19 टीकों को आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग की अनुमति दी गई है।
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आज एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान, डीसीजीआई के वीजी सोमानी ने कहा, “पर्याप्त परीक्षण के बाद, केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय किया है। इसके अनुसार सीरम और मैसर्स भारत बायोटेक के टीकों को आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए अनुमोदित किया जा रहा है। तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए मैसर्स कैडिला हेल्थकेयर को अनुमति दी जा रही है।”