न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे कार्यों की प्रशंसा करने की मांग करके कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया सेल के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने की इच्छा जाहिर की है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि वह आजीवन करियर के लिए कांग्रेस में नहीं आए हैं।
उन्होंने कांग्रेस को अपने समावेशी विचारों को न छोड़ने की सलाह दी। थरूर ने अपने फैसले के बारे में पिछले हफ्ते हुई बैठक में सेल के सभी सदस्यों को बताया। बता दें कि डिजिटल मीडिया सेल के गठन को मुश्किल से एक साल ही हुआ है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने थरूर से फैसला बदलने के लिए और इस्तीफा न देने के लिए अपील की है।
दिल्ली में हुए कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा, ‘मैं जीवनभर के करियर के लिए कांग्रेस में नहीं आया हूं। मैं यहां आया हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि यह समावेशी और प्रगतिशील भारत के विचारों की उन्नति के लिए सबसे अच्छा माध्यम है। हम सिर्फ सीटों और वोटों के लिए उन विचारों का बलिदान नहीं दे सकते।’
थरूर के इस्तीफा देने की इच्छा जताने के समय को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि तीन बार के तिरुवनंतपुरम सांसद मोदी के पक्ष में बयानबाजी के बाद केरल कांग्रेस कमिटी के रवैये और प्रतिक्रिया देने के तरीके से नाराज हैं। यद्यपि केरल कांग्रेस के अध्यक्ष मुलापल्ली रामचंद्रन ने इस मामले में थरूर की सफाई को स्वीकार कर लिया था लेकिन के मुरलीधरन जैसे दूसरे नेताओं ने थरूर की आलोचना जारी रखी।
थरूर के करीबी सूत्रों ने इन अनुमानों को खारिज किया और कहा कि थरूर ने अगस्त मध्य में ही केरल कांग्रेस अध्यक्ष के सामने अपनी इच्छा जताई थी और यह मोदी पर किए गए उनके ट्वीट के कुछ रोज पहले की बात है। थरूर ने ट्वीट कर कहा था कि पीएम मोदी जब अच्छा काम करें तो उनकी तारीफ होनी चाहिए।
माना जा रहा है कि मुलापल्ली ने थरूर को जल्दबाजी में फैसला न लेने की सलाह दी थी क्योंकि उनका उचित रिप्लेसमेंट ढूंढने में वक्त लगेगा। थरूर के डिजिटल मीडिया सेल की कमान संभालने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए के एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को इसका संयोजक नियुक्त किया गया था। लोकसभा चुनाव के दौरान इस सेल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर यूडीएफ उम्मीदवारों को प्रॉजेक्ट किया था।