न्यूज डेस्क
शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ करीब एक महीने से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में बीच सड़क पर 24 घंटे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़क से हटने के लिए तैयार नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी, हम सड़क से नहीं हटंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे।
लाखों की संख्या में शाहीन बाग में लोग सड़क पर बैठ कर शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं। इस बीच रविवार रात यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पहुंचे। शशि थरूर धरना-प्रदर्शन कर रही महिलाओं को साहसी बताया।
Delhi: Congress MP Shashi Tharoor joins protest against #CitizenshipAmendmentAct & #NationalRegisterofCitizens,
in Shaheen Bagh. pic.twitter.com/07bcPzfYaJ— ANI (@ANI) January 12, 2020
इसके बाद थरूर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भी पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि इस देश के सरकार ही टुकड़े टुकड़े करना चाहती है। यहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में पहली बार हमारे संविधान में धार्मिक परीक्षण पेश किया गया है। रोहिंग्या मुसलमानों को भी सताया जाता है, लेकिन उनका एकमात्र दुर्भाग्य यह है कि वे मुस्लिम समुदाय से हैं और यह सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं है।
शाशि थरूर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनपीआर इस सरकार की ओर से एनआरसी को लागू करने का पिछला तरीका है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य एनपीआर या एनआरसी में सहयोग नहीं करेंगे। थरूर ने कहा है, ‘सत्तारूढ़ सरकार के जरिए जेएनयू के खिलाफ एक बड़ा एजेंडा है। जो लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं उसमें देश की सरकार शामिल है। वे असली टुकड़े-टुकड़े गिरोह हैं।’
शाहीन बाग आने से पहले शशि थरूर जामिया यूनिवर्सिटी गए थे। जाम के कारण शशि थरूर अपनी कार छोड़कर पैदल ही यूनिवर्सिटी चले गए थे। जामिया यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में शशि थरूर ने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है। यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है।
बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया में हिंसा देखने को मिली थी। इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस को इस दौरान आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे।
इधर, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि शाहीन बाग के लोग खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग के लोगों की परेशानी बढ़ रही है और वे नाराज हो रहे हैं। इसलिए अच्छा होगा कि प्रदर्शनकारी अब घर चले जाएं।