जुबिली न्यूज डेस्क
कृषि कानूनों को लेकर दो महीने से ज्यादा वक्त से किसान आंदोलन जारी है। 11 दौर की बैठकों के बाद भी कोई हल नहीं निकलने और गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा के बाद तनावपूर्ण माहौल के बीच क्या दोनों पक्ष एकबार फिर बातचीत की टेबल पर वापस लौटेंगे? क्या इस गतिरोध में अब जल्द कुछ समाधान निकलेगा? सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी के ‘एक फोन कॉल की दूरी’ वाले बयान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया पर ये सवाल उठने लगे हैं।
As he (Sharad Pawar) is such a veteran leader, I would like to believe that he was genuinely misinformed of the facts. Now that he has the right facts, I hope he will also change his stand & also explain the benefits to our farmers: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/HMfyVskMab
— ANI (@ANI) January 31, 2021
वहीं इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार पर जवाबी हमला किया है। तोमर ने कहा कि शरद पवार एक अनुभवी नेता हैं, उसके बावजूद वह तथ्यों को गलत तरीके से बता रहे थे। अब जब उनके पास सही तथ्य हैं, मुझे उम्मीद है कि वह अपना रुख भी बदलेंगे और हमारे किसानों को इसके फायदे भी बताएंगे।
चूंकि श्री पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं।
अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे।
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 31, 2021
शरद पवार जी एक अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री हैं, जिन्हें कृषि से संबंधित मुद्दों और समाधानों के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त है। उन्होंने खुद भी पहले कृषि सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
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बता दें कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कृषि कानूनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये कानून एमएसपी पर उल्टा असर डालेंगे और मंडी व्यवस्था को कमजोर करेंगे। पवार ने कहा कि एमएसपी को कहीं अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
पवार ने ट्वीट किया कि सुधार लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। एपीएमसी या मंडी प्रणाली में सुधारों के खिलाफ कोई भी व्यक्ति दलील नहीं देगा, लेकिन इस बहस का यह मतलब नहीं है कि इस प्रणाली को कमजोर या नष्ट किया जाए।