जुबिली स्पेशल डेस्क
भारत में क्रिकेट को जो प्यार और सुविधाएं मिलती है वो शायद अन्य खेलों को आज भी नहीं मिलती है। क्रिकेट का खिलाड़ी स्टार का दर्जा रखता है। ऐसे में लोग उसे पहचानाते हैं और उसकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते हैं।
इतना ही नहीं उसके ऊपर पैसों की बारिश होती है और उसे क्रिकेट संघ से भी सुविधा मिलती है लेकिन यहीं खिलाड़ी अगर कोई और गेम खेलते हैं तो उनको सुविधा का अभाव रहता है।
उनको मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित किया जाता है। इसका अगर आपको उदाहरण देखने है तो डूरंट कप फुटबॉल में देखने को मिला। दरअसल जब मशहूर फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल के खिलाडिय़ों को स्टेडियम में पहुंचने के लिए रिक्शा और कैब का सहारा लेना पड़ा।
सोशल मीडिया पर तस्वीर भी वायरल हो गई है। बता दें कि ईस्ट बंगाल की सीजन के पहले कोलकाता डर्बी में मोहन बागान से मुकाबला करना था लेकिन स्टेडियम पहुंचने के लिए खिलाडिय़ों को बस के बजाये रिक्शा और उबर कैब का सहारा लेना पड़ा।
बताया जा रहा है कि बस के नहीं पहुंचने पर क्लब के मैनेजमेंट को खिलाडय़िों के लिए राजारहाट में एआईएफएफ के एक्सीलेंस सेंटर के स्टेडियम तक जाने के लिए कैब और रिक्शा से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो क्लब के मेंबर इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया है।