प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में उत्तर पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में भड़की हिंसा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने शाहरुख पठान को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है. यह वही शाहरुख है जो दिल्ली दंगों के दौरान बीच सड़क पर खुलेआम पिस्तौल लहराता और फायरिंग करता नज़र आया था. शाहरुख के वकील ने अदालत के सामने कोरोना का खतरा भी रखा लेकिन कोर्ट ने कहा कि उस पर लगा आरोप बहुत गंभीर है और वह ज़मानत के लायक नहीं है.
कड़कड़डूमा कोर्ट के जज संजीव मल्होत्रा ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन हर नागरिक का मौलिक अधिकार होता है लेकिन हवा में पिस्तौल लहराना न सिर्फ गंभीर अपराध है बल्कि यह सीधे तौर पर क़ानून को चुनौती देना है. अदालत ने कहा कि दिल्ली दंगों ने भयावाह रूप ले लिया था और शाहरुख दंगाइयों का नेतृत्व करता दिखाई दे रहा था वह दंगों की एक कड़ी है.
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अदालत ने कहा कि दिल्ली दंगों की जांच जारी है और मौजूदा हालात में उसे ज़मानत नहीं दी जा सकती. पुलिस ने शाहरुख और उसे शरण देने वालों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया है.