न्यूज डेस्क
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर फॉर पॉपुलेशन के खिलाफ बीते एक महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से नोएडा जाने वाला रास्ता जाम है और इसी समस्या पर दिल्ली हाईकोर्ट में जब मामले की सुनवाई हुई तो अदालत ने प्रशासन को कानून के मुताबिक काम करने को कहा है।
अदालत की ओर से ना तो प्रदर्शन खत्म करने का आदेश दिया गया है और ना ही सड़क को तुरंत खोलने का आदेश दिया गया है। अदालत ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह बड़ी पिक्चर देखे और आम लोगों के हित में काम करें। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में शाहीन बाग पर जारी धरने को खत्म करने की बात साफ तौर पर नहीं की है।
एक तरफ शाहीन बाग में बैठे आंदोलनकारी मोदी सरकार के बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं तो दूसरी ओर शाहीन बाग़ नागरिकता क़ानून के विरोध आंदोलन की पहचान बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, कानपुर और बिहार के गया में, साथ ही कोलकाता के पार्क सर्कश में भी शाहीन बाग की ही तरह महिलाएं सड़क पर उतरकर सीएए का विरोध कर रहीं हैं, जहां बड़ी संख्या में महिलाएँ घूँघट और बुर्के में हैं। संविधान के समर्थन में नारे लगा रहे हैं।
शाहीन बाग में चल रहे नागरिकता कानून के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए महिलाओं का एक समूह उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भी इस कानून के खिलाफ मंसूर अली पार्क में बैठ गया है। महिलाओं का कहना है कि यदि दिल्ली में कड़ाके की ठंड में कोई बैठ सकता है तो हम क्यों नहीं।
धरने पर बैठी महिलाओं का कहना है कि हम एक भारतीय नागरिक के रूप में यहां बैठे हैं और इस असंवैधानिक (नागरिकता) कानून और NRC के खिलाफ हैं। हम इसे दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की तरह बनाएंगे। अगर दिल्ली की महिलाएं ठंड में बाहर बैठ सकती हैं, तो हम क्यों नहीं? हम यहां 24 घंटे बैठेंगे और आने वाले दिनों में अपना विरोध जारी रखेंगे और यह बंद नहीं होगा।
नीट की तैयारी कर रही लाईबा शमीम (19) ने कहा कि सभी आयु वर्ग के लोग इस विरोध का हिस्सा हैं। “जो कोई भी इस विरोध का दौरा करता है, वह देख सकता है कि पांच साल लेकर 70 साल तक के लोग यहां मौजूद हैं। ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। हम सीएए-एनआरसी के खिलाफ हैं और अपनी आवाज उठा रहे हैं। ”
एक अन्य प्रदर्शनकारी गायत्री गांगुली जिनकी उम्र 62 वर्ष है ने कहा कि, “मैं यहां विरोध के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आई हूं। मैं पूरी रात यहां बैठूंगी क्योंकि अगर ये महिलाएं कर सकती हैं तो मैं भी कर सकती हूं।”
इस बीच एसएसपी (प्रयागराज) सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने कहा कि हमने प्रदर्शनकारियों से अपने धरने को बंद करने का आग्रह कर रहे हैं। महिलाओं का एक समूह पार्क में इकट्ठा हुआ है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर हैं। वे महिलाओं से बात कर रहे हैं। वे सीएए, एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बताते चलें कि नागरिकता कानून के विरोध में शाहीन बाग में पिछले कई दिनों से महिलाएं सड़क पर बैठ कर शांतिपूर्ण तरीके प्रदर्शन कर रही हैं। उनकी मांग है कि सरकार इस कानून को वापस ले। यहां पर हजारों की संख्या में महिलाएं, स्टूडेंट और अन्य प्रदर्शनकारी लगातार डटे हुए हैं। बीते दिनों से कुछ नेता भी लगातार प्रदर्शनकारियों के पास जाकर वहां पर संबोधन कर रहे हैं।