जुबिली न्यूज़ डेस्क
चुनावी काल में बिहार की धरती खून हर दिन खून से लाल हो रही है रही है। समस्तीपुर जिले के काशीपुर स्थित गर्ल्स हाई स्कूल के पास बाइक सवार अपराधियों ने घर में बैठे युवक को गोलियों से भून दिया। मुजफ्फरपुर में मजिस्ट्रेट पद पर तैनात शख्स ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक व्यक्ति का पेंचकस से मर्डर कर दिया।
नालंदा के दीपनगर में प्रॉपर्टी विवाद में एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या कर दी गई। पटना में वार्ड पार्षद के भाई की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। सीतामढ़ी में नाबालिग छात्रा से रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। एक महिला होमगार्ड के बेटे को घर में घुसकर गोलियों से भून डाला गया।
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बता दें कि बिहार में कभी बाहुबलियों का ही राज चलता था। लेकिन, आज स्थिति में थोड़ा बदलाव आया है। आज कई ऐसे बाहुबली हैं जो जनसेवक बनकर राजनीति में किस्मत अजमाने में जुटे हैं वहीं कुछ बाहुबली जेल की सलाखों के पीछे भी हैं।
बिहार में अपराधियों और नेताओं का जो गठजोड़ रहा है वो कितना मजबूत है इसको इस बात से भी समझा जा सकता है कि विकास पुरुष की छवि वाले नीतीश कुमार भी बैकडोर से ही सही इन बाहुबलियों की एंट्री अपने दल में करने को मजबूर हैं।
नीतीश कुमार ने टिकट देने में बाहुबलियों का पत्ता साफ कर दिया है। यानि कि अब पार्टी में बाहुबिलयों को एंट्री नहीं मिलेगी। लेकिन उनके दबदबे वाली सीट पर परिवार के लोगों को टिकट देगी, जिन पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हो। यानी नीतीश की पार्टी में बाहुबली फैमिली को अब जगह मिलेगी। इसमें बाहुबली की पत्नी, बेटा, भाई या परिवार के किसी अन्य सदस्य को भी टिकट मिल सकता है।
हथियार तस्कर सक्रिय
बिहार की राजधानी पटना से क़रीब 200 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित मुंगेर एक बार फिर अवैध हथियारों की वजह से चर्चा में है। बिहार विधानसभा चुनाव आते ही हथियार तस्कर फिर से सक्रिय हो गए हैं। तीन दिन पहले मुंगेर जिले के मुड़ेरी गांव में पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए अवैध शस्त्र फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। पुलिस टीम ने यहां से तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। यहां से पुलिस ने 20 बनी हुईं और आधी तैयार पिस्टल, कार्बाइन, राइफल, कट्टा के साथ भारी मात्रा में हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए हैं। कुछ दिन पहले भी बिहार पुलिस ने एक गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर बड़ी संख्या में असलहे बरामद किये थे।
ऐसे में एकबार फिर से लोगों को डर सताने लगा है कि कहीं यह चुनाव पुराने दौर के चुनावों की तरह खून-खराबे और हिंसा के साए में तो नहीं होंगे। हालांकि चुनाव को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए पुलिस मुंगेर में लगातार छापेमारी कर रही है।
बात दें कि शस्त्र नगरी मुंगेर में वैध और अवैध हथियार बनाने-बेचने का सिलसिला कम से कम तीन दशक पुराना है। पिछले कुछ वर्षों में यहां वैध हथियारों के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज हुई है जबकि अवैध हथियारों का धंधा तेजी से बढ़ा है।
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मुंगेर में बने हथियार दाऊद गिरोह तक सप्लाई किए जाते हैं। इतना ही नहीं यहां का अवैध हथियारों के बाजार का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। इन हथियारों की डिमांड देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जबर्ददस्त रहती है।
बिहार में अचानक से बढ़ी अपराधिक घटनाओं पर वरिष्ठ पत्रकार कुमार भवेश चंद्र का कहना है कि बिहार चुनाव में हत्या या हिंसा कोई बड़ी बात नहीं लेकिन पिछले दो से तीन चुनावों में इसमें कमी आई है।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम है। पिछले 15 वर्षों से नीतीश कुमार सत्ता में रहे हैं इसी तरह लालू यादव भी 15 वर्षों तक सत्ता में रहे थे उसके बाद सत्ता परिवर्तन हुआ यही वजह है कि आरजेडी और एलजेपी बड़ी उम्मीद लगाए हुए है।
कुमार भवेश चंद्र ने कहा कि इस चुनाव की एक और खूबी है कि इस बार बड़ी संख्या में युवा नेता मैदान में उतरे हैं और युवा मतदाताओं की संख्या भी तीन करोड़ के करीब है ऐसे में चुनाव में थोड़ा आक्रामकता होना स्वाभाविक है लेकिन जो अपराधिक घटनाएं हो रही हैं उनको सिर्फ चुनाव से जोड़कर देखना भी सही नहीं है। उन्होंने बताया कि अवैध धंधों में बढ़ोत्तरी या अपराधिक मामलों में बढ़ोत्तरी के पीछे एक बड़ा कारण बेरोजगारी है।
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