जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: कई बड़े नेताओं से जुड़ा एक मामला सामने आया है जिसे जानकर दंग रह जाएंगे आप, दरअसल मयूर विहार की झुग्गी में रहने वाले युवक ने ऐसा मायाजाल फैलाया, जिसमें बीजेपी में हाशिये पर चल रहे कई नेता फंस गए। सूत्रों का दावा है कि इनमें कई राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यों के विधायक तक हैं। इन नेताओं की पारिवारिक शादियों तक में ये खास गेस्ट हुआ करता था। एयरपोर्ट पर रिसीव करने खुद कद्दावर नेता आया करते थे।
बता दे कि सेंट्रल जिला पुलिस ने जब इसे दबोचा तो इसके फोन पर कई नामी नेताओं की मिस्ड कॉल थीं। ये अपना प्रभाव दिखा कर नेताओं से लाखों रुपये कैश, महंगे फोन और गाड़ियां तक ले चुका था। सेंट्रल जिला पुलिस ने आरोपी प्रवीण कुमार (19) को पकड़ लिया है, जो सिर्फ 12वीं पास है।
डीसीपी (सेंट्रल) संजय कुमार सैन ने बताया कि बीजेपी मुख्यालय से एक पदाधिकारी ने 9 मई को शिकायत दी थी। इसमें कहा गया था कि कुछ लोग खुद को बीजेपी से बताकर पार्टी के ही अलग-अलग राज्यों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और सरकारी अफसरों से ठगी कर रहे हैं। पदाधिकारी की तरफ से पुलिस को सबूत भी दिए गए।
ऐसे बिछाया जाल
साइबर थाना और एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) की एक जॉइंट टीम एसएचओ खेमेंद्र पाल सिंह की देखरेख में एसआई धीरेंद्र कंवर, अखिल चौधरी, अली अकरम, एएसआई प्रवीण, एचसी जय किशन और मीनाक्षी की बनाई गई। कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले गए। फॉर्म में नाम प्रवीण कुमार और पता सिर्फ घड़ौली लिखा हुआ था। इससे उसे पकड़ा जाना मुश्किल था। पुलिस की तरफ से खुद को ठेकेदार बताते हुए कॉन्ट्रैक्ट दिलवाने में मदद मांगी गई। वो झांसे में आ गया और मयूर विहार में मिलने आ गया। वहां सादी वर्दी में तैनात पुलिस वालों ने उसे दबोच लिया।
उसकी करीबी एक स्वामी से हो गई
आरोपी ने बताया कि वो रैलियों में भीड़ जुटाने का ठेका लेता था। बीजेपी के कुछ नेताओं के संपर्क में आ गया। धीरे-धीरे वो पार्टी के केंद्रीय कार्यालय तक पहुंच गया। इसी दौरान उसकी करीबी एक स्वामी से हो गई, जो पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर चुके हैं।
आरोपी अधिकतर समय स्वामी जी के आश्रम में बिताने लगा। इन्हीं स्वामी जी ने उसे बीजेपी के नॉर्थ ईस्ट राज्यों के नेताओं से मिलाया। बीजेपी के कद्दावर नेताओं के साथ इसके फोटो थे, जिससे कई नेता प्रभावित हो गए। इनमें कई राज्यों के पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक तक शामिल हैं। वो ऐसे नेताओं को पार्टी या सरकार में अहम जिम्मेदारी दिलाने का झांसा देता था। बदले में लाखों रुपये कैश, फाइव स्टार होटल बुकिंग, महंगे फोन और गाड़ियां तक गिफ्ट में ले लेता था।
ठेकेदारों-इंजीनियरों को भी ठगा
आरोपी इलेक्शन कमिशन की साइट में दिए नेताओं के हलफनामे की स्टडी करता था। उन्हें कॉल कर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं तक पहुंच होने का दावा कर उनके राजनीतिक करियर को उठाने में मदद करने का भरोसा देता था। एक नेता ने दूसरे से मिलाया तो दूसरे ने तीसरे से, इस तरह लंबी चेन बन गई। नॉर्थ ईस्ट राज्यों में ठेके दिलवाने के नाम पर ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों तक को चूना लगाया। पुलिस अभी तक 45 लाख रुपये की ट्रांजैक्शन का पता लगा चुकी है। ये फेहरिस्त लंबी हो सकती है। बदरपुर में एक गर्लफ्रेंड भी है। वो सट्टेबाजी और शानो-शौकत में खर्च करता था।
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नड्डा का ओएसडी बता 35 लाख ऐंठे
सेंट्रल जिला पुलिस ने इसी शिकायत पर लखनऊ के गोमती नगर निवासी पीयूष कुमार श्रीवास्तव (34) को पकड़ा। एनजीओ को फायदा नहीं हुआ तो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का स्पेशल कार्याधिकारी (OSD) होने के विजिटिंग कार्ड छपवा लिए। वॉट्सऐप से कार्ड को गेल, सेल, ओएनजीसी, बीएचईएल, आईआरसीटीसी जैसी सरकारी कंपनी के अधिकारियों को भेजता था। कॉरपोरेटिव सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड के लिए कॉल करता था। गेल ने 35 लाख भी दे दिए। पुलिस ने दोनों आरोपियों से तीन फोन, चार सिम, 55 फर्जी विजिटिंग कार्ड, एक लैपटॉप रिकवर किया है। इनके चार खातों का पता लगा है। दोनों का आपस कोई नाता नहीं है।
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