जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत का सेवा क्षेत्र मोटे तौर पर सितंबर माह में काफी कुछ स्थिर हो गया लेकिन ये गिरावट के दायरे में ही रहा। सेवा क्षेत्र में आने वाला नया कारोबार कम है। कोरोना महामारी का इस पर गहरा प्रभाव हुआ है। इससे रोजगार का भी नुकसान हुआ है।
एक मासिक सर्वेक्षण में ये बात कही गयी है। मौसमी चक्र के साथ समायोजित भारत का सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक सितंबर माह में लगातार पांचवे महीने बढ़ता हुआ 49.8 अंक पर पहुंच गया जो कि अगस्त में 41.8 अंक पर था। हालांकि ये लगातार सातवां महीना है जब सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट रही है।
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आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसिज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सूचकांक में 50 से ऊपर अंक रहना क्षेत्र में विस्तार को दिखाता है जबकि इससे नीचे रहने पर यह गिरावट को दर्शाता है।
आईएचएस मार्किट के सहायक निदेशक पालियान्ना डे लिमा ने कहा लॉकडाउन में छूट दिए जाने से सितंबर माह में भारत में सेवा क्षेत्र को सुधार की तरफ लौटने में मदद मिली है। पीएमआई सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने व्यापक स्तर पर कारोबारी गतिविधियों में स्थायित्व आने और नए काम में हल्की गिरावट की बात कही है।
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सर्वेक्षण में कहा गया है जिन कंपनियों में कामकाज में वृद्धि की बात कही है उन्होंने लॉकडाउन के नियमों में ढील मिलने के साथ कारोबार शुरू होने के बारे में बताया वहीं जिन कंपनियों ने कारोबार में गिरावट की बात कही है उन्होंने मांग पर महामारी का कड़ा प्रभाव होने के बारे में कहा। रोजगार के मोर्चे पर सेवा क्षेत्र में लगातार सातवें महीने गिरावट रही है।
लिमा ने कहा पेरोल की संख्या में गिरावट आई है लेकिन कई कपनियों ने बताया है कि अतिरिक्त कर्मचारियों को लेने का प्रयास श्रमिकों की उपलब्धता की कमी होने की वजह से असफल रहा है।
इस बीच, सेवाओं और विनिर्माण गतिविधियों का संयोजित पीएमआई उत्पादन सूचकांक सितंबर माह में बढ़कर 54.6 पर पहुंच गया जबकि अगस्त में यह 46 अंक पर ही था।
लिमा ने कहा कि विनिर्माण उद्योग के प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतर तस्वीर सामने आती है। सितंबर माह में पिछले छह माह में पहली बार निजी क्षेत्र का उत्पादन बढ़ा है। फरवरी के बाद पहली बार सितंबर में बिक्री में वृद्धि दर्ज की गई।
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