जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में महिला कैदियों के लिए अलग से जेलें बनाने के लिए विमर्श शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नारी बंदी निकेतन के नाम से महिलाओं की जेल है. इस जेल का अधिकांश स्टाफ भी महिलाओं का ही है. सिर्फ अधीक्षक की ज़िम्मेदारी आदर्श कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक के पास है.
लखनऊ के नारी बंदी निकेतन में उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की सजायाफ्ता कैदियों को भेजा जाता है. विचाराधीन महिला कैदियों को जिला जेल में ही बंद कराया जाता है.
महिला कैदियों को रखे जाने की कमोबेश पूरे देश में एक जैसी स्थिति ही है. हर जेल में एक महिला सेल होता है. जेल जाने वाली महिलाओं को इसी सेल में ट्रांसफर कर दिया जाता है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में भी महिला सेल है.
देश की बाकी जगहों की जेलों की तरह से मध्य प्रदेश की जेलें भी ओवर क्राऊडेड हैं. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कोरोना महामारी में पैरोल पर छूते कैदियों के मामले में सिंवाई के दौरान यह बात सामने आयी कि जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी हैं. हालात ऐसे हैं कि नई जेलों का निर्माण अब ज़रूरी हो गया है. अदालत के सामने यह प्रस्ताव आया कि अलग जेल बनाना ज़रूरी है तो क्यों न महिलाओं के लिए अलग से जेल बना दी जाए. हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में सरकार से 25 अगस्त तक जवाब देने को कहा है.
दरअसल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में यह मामला उठा था कि महामारी के दौरान रेप और पाक्सो केस में बंद अपराधियों को भी पैरोल पर छोड़ दिया गया. पैरोल का फायदा ऐसे अपराधियों को भी मिला जिन्होंने मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया था. ऐसे अपराधियों को पैरोल पर छोड़ा गया क्योंकि जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं.
यह भी पढ़ें : पोस्टमार्टम में जज के जबड़े और सर की हड्डियां टूटी मिलीं
यह भी पढ़ें : क्रांतिकारी हो सकता है ऑनलाइन पेमेंट की दिशा में पीएम मोदी का यह कदम
यह भी पढ़ें : मौलाना कल्बे जवाद ने DGP के बयान को बताया अबूबक्र बगदादी का बयान
यह भी पढ़ें : आज़म खां के इस सपने को तोड़ने जा रहा है योगी सरकार का बुल्डोज़र
अदालत से प्रार्थना की गई कि अगर अलग से जेल बनानी ही हैं तो बेहतर होगा कि महिलाओं के लिए अलग से जेलें बना दी जाएं. मध्य प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में 25 अगस्त तक जवाब देना है. सरकार को बात समझ में आ गई तो मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से जेल बनाने का रास्ता साफ़ हो जाएगा.