न्यूज़ डेस्क
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कई दिनों से भर्ती थे। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह 66 साल के थे। बीते कुछ दिनों उनकी हालत खराब चल रही थी।
उनकी निधन की खबर पर एम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि वे बेहद दुख के साथ सूचित कर रहे हैं कि 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली अब हमारे बीच में नहीं रहे। बता दें कि अरुण जेटली को नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
उनके निधन पर गृह मंत्री अमित शाह ने गहरा दुःख जताया है उन्होंने ट्वीट कर कहा अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है।उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षो तक प्राप्त होता रहा।
अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूँ, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है।
उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षो तक प्राप्त होता रहा।
— Amit Shah (@AmitShah) August 24, 2019
पेशे से वकील, अरुण जेटली प्रधानमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने वित्त और रक्षा विभागों को संभाला और अक्सर सरकार के मुख्य संकटमोचन के रूप में कार्य किया।
जेटली ने अपनी अस्वस्थता के कारण 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने पिछले साल रीनल ट्रांसप्लांट कराया था। सितंबर 2014 में, उन्होंने लंबे समय तक मधुमेह की स्थिति के कारण अपने वजन को ठीक करने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी कराई थी।
आपको बता दें कि बीते दिनों बीजेपी की वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री रही सुषमा स्वराज का भी निधन हो गया था। उनके निधन से बीजेपी को गहरी छति हुई थी उसके बाद अब अरुण जेटली के जाने से बीजेपी में शोक की लहर है।