जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। लखनऊ समेत पांच जिलों में काढ़े के पैकेट बनाने का अभियान सघन रूप से चल रहा है।
जबकि 14 जिलों की महिलाओं को काढ़ा बनाने के लिए प्रशिक्षण तेजी से दिया जा रहा है, जिससे बड़ी मात्रा में काढ़े के पैकेट तैयार हो सकें।
सीएम योगी ने ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए स्वयं सहायता समूहों की भूमिका को अति महत्वपूर्ण बताया था।
कोरोना काल में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से एक वर्ष से मास्क, सैनिटाइजर, पीपीई किट, हैंड वॉश के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अभी तक करीब एक करोड़ 30 लाख मास्क तैयार करके वितरित किए जा चुके हैं।
कोरोना काल में रोजी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हजारों परिवारों को योगी सरकार ने स्वयं सहायता समूह का सहारा दिया है। राज्य सरकार ने खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की जो एतिहासिक पहल की थी, वह अब रंग लाने लगी है।
65 रुपए के एक काढ़े के पैकेट पर समूह सदस्य को मिला रहा 15 रुपए
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि महिलाओं से दालचीनी, तुलसी, मुनक्का, काली मिर्च एवं सौंठ को उचित मात्रा में मिलाकर 100 ग्राम का एक पैकेट तैयार कराया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : कोरोना काल में ऑटो चालक बन गया अंग्रेज़ी का यह शिक्षक
यह भी पढ़ें : जस्टिस चंद्रचूड़ ने भरी अदालत में कहा, हमें भी आ रही हैं लोगों के रोने की आवाजें
यह भी पढ़ें : कोरोना वैक्सीन को लेकर बिल गेट्स ने कही ऐसी शर्मनाक बात
जिसे गरम पानी में उबालकर करीब सात ग्राम का मिश्रण एक बार के काढे में प्रयोग में लाया जाता है। शहद और नींबू अलग से डालकर भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक पैकेट का बिक्री मूल्य करीब 65 रुपए है, जबकि इसकी लागत 50 रुपए आती है। एक पैकेट पर समूह सदस्यों को 15 रुपए का लाभ हो रहा है। एक समूह दिन भर में करीब 10 से 15 किलो का मिश्रण तैयार करके डेढ़ सौ पैकेट तैयार कर रहा है।
कई जिलों में महिलाओं को काढ़ा बनाने के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण
राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर कहते हैं कि मुजफ्फरनगर, हरदोई, लखनऊ, देवरिया और सोनभद्र जिले में सघन रूप से सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं की ओर से काढ़े के पैकेट तैयार करने का काम किया जा रहा है।
एक दिन में इन समूहों की ओर से करीब 11 सौ पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए वितरण का भी कार्य किया जा रहा है।
अन्य जिलों में उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर देहात, शामली, बुलंदशहर, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, चंदौली, वाराणसी, झांसी, बांदा, चित्रकूट, कन्नौज, ललितपुर आदि में भी समूह की महिला सदस्यों को प्रशिक्षित करके काढ़ा बनाने के कार्य की शुरुआत की पहल की जा रही है।
निजी संस्थाओं से आर्थिक सहयोग का किया गया आह्वान
प्रदेश में स्वयं सहायक समूह की ओर से मास्क निर्माण और वितरण के लिए निजी संस्थाओं से आर्थिक सहयोग का आह्वान किया जा रहा है। सभी व्यक्तियों और निजी संस्थाओं से समूह सदस्यों ने अपील की है कि मास्क निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थक सहयोग करें, जिससे कोविड 19 के प्रभाव को कम करने में मदद की जा सके और ग्रामीण महिलाओं की आजीविका भी सुनिश्चित की जा सके।