जुबिली स्पेशल डेस्क
तीन कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। हालांकि शुरुआती दौर में मिली जानकारी के अनुसार किसानों की ट्रैक्टर रैली शान्तिपूर्वक चल रही थी लेकिन धीरे-धीरे ये रैली बेकाबू हो गई।
आलम तो यह रहा कि किसानों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेड्स तोड़ डाले और आगे बढ़ गए। इतना ही नहीं आईटीओ पहुंचते ही किसान उग्र हो गए।
इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस गोले छोड़े और साथ में लाठी चार्ज भी लेकिन उग्र किसान ट्रैक्टरों के साथ लाल किले जा पहुंचे।
समाचार लिखे जाने तक आईटीओ से लेकर लालकिले तक स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हालांकि पुलिस किसानों को काबू करने की कोशिश करने में जुटी हुई है।
वहीं दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है कि उग्र प्रदर्शनकारी हमारे किसान संगठन से नहीं जुड़े हैं बल्कि किसी राजनीतिक दल से जुड़े हैं।
We know the people who are trying to create disturbance, they are identified. There are people from political parties who are trying to malign the agitation: Rakesh Tikait, Spox, BKU, when asked that there are allegations that protests have gone out of the hands of farmer leaders pic.twitter.com/LRwPnFz2Xx
— ANI (@ANI) January 26, 2021
इसके साथ राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि गाजीपुर बॉर्डर वापस लौट जाये। इस पूरे मामले पर पुलिस ने बयान दिया है। पुलिस के अनुसार गाजीपुर बॉर्डर के पास किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं। किसानों ने 37 NOC के नियमों का घोर उल्लंघन किया है. पुलिस कई जगह बल प्रयोग भी कर रही है।
इतना ही नहीं कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष देखने को मिला। बताया जा रहा है कि एक टै्रकटर चालक की मौत भी हो गई है और साथ ही कई पुलिसकर्मी चोटिल हो गए है। इस दौरान नारेबाजी देखने को मिली है।
आज पूरी दुनिया की निगाहे भारत के किसानों के टैक्ट्रर परेड पर लगी हुई है। यह पहला मौका नहीं है। भारत ही नही बल्कि दुनिया के कई मुल्कों में कृषि संबंधी मुद्दों पर विरोध दर्ज कराने के लिए किसानों ने ट्रैक्टरो का सहारा लिया है।
आज गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में जो तस्वीर दिख रही है वैसी तस्वीरें हाल के कुछ सालों में दुनिया के कई मुल्कों से गाहे-बगाहे नजर आती रही है।
बीते पांच सालों के दौरान लग्जमबर्ग से लेकर लंदन और बर्लिन से लेकर डबलिन तक यूरोप के कई शहरों और जगहों पर ट्रैक्टरों के सिटी मार्च की तस्वीरें आती रही हैं।
#WATCH: A Delhi Police personnel rescued by protesters as one section of protesters attempted to assault him at ITO in central Delhi. #FarmLaws pic.twitter.com/uigSLyVAGy
— ANI (@ANI) January 26, 2021
भारत में भी किसान आंदोलनों के दौरान शक्ति प्रदर्शन के प्रयोग होते रहे हैं। अस्सी के दशक में राजीव गांधी सरकार के समय राजधानी दिल्ली में राजपथ के करीब सैकड़ों किसानों ने अपनी बैलगाडिय़ों के साथ बोट क्लब इलाके में कई दिनों तक धरना दिया था।