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जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं और अलगाववादियों की हटाई गयी सुरक्षा को वापिस कर दिया गया है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के 400 से अधिक नेताओं की सुरक्षा को बहाल किया है। उन्होंने कहा कि हम किसी की भी सुरक्षा को खतरे में नहीं डालेंगे। नेताओं की सुरक्षा का विषय हमारे लिए किसी भी तरह की प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं है इसे केवल तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। मलिक ने जानकारी दी कि शनिवार को श्रीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक में कश्मीर के सुरक्षा हालातों पर चर्चा हुई थी। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
गौरतलब है पुलवामा हमले के बाद राज्य के 900 से ज़्यादा लोगों की सुरक्षा हटा ली गई थी। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम के इस विवादित फ़ैसले के खिलाफ राज्य के राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से शिकायत भी की थी।
राजनीतिक दलों ने इस फैसले को चुनाव प्रक्रिया को नुकसान पहुँचाने की साजिश बताया था, साथ ही जिन नेताओं की सुरक्षा हटाई गई थी उनकी जान को खतरा बढ़ने का भी दावा किया था। हालांकि मुख्य सचिव के इस फैसले पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उसी समय नाराजगी भी जताई थी। लेकिन अब चुनाव से पहले 400 से ज्यादा नेताओं की सुरक्षा को बहाल करने का फैसला लिया गया है।
बता दें कि जम्मू और कश्मीर में 11 अप्रैल से 6 मई तक 5 चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है।