Tuesday - 29 October 2024 - 12:20 AM

इंडियन रेलवे करने जा रहा है बड़ा बदलाव, ऑनलाइन ही हो सकेगी सीट बुकिंग

न्यूज़ डेस्क।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजीटल इंडिया के सपने को सबसे ज्यादा साकार करने की तरफ अगर कोई तेजी से कार्य कर रहा है तो वह है भारतीय रेलवे। भारतीय रेलवे ने डिजीटल इंडिया के क्रम में ऑनलाइन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए रेलवे के टिकट बुकिंग काउन्टर को आइआरसीटीसी को सौंपने का फैसला लिया है।

भारतीय रेलवे ने जो प्रस्ताव तैयार किया है वह जल्द ही अंतिम रूप लेने जा रहा है। इस बदलाव के बाद अब केवल ऑनलाइन माध्यम से ही ट्रेनों में सीटों की बुकिंग की सुविधा मिलेगा।

रेल मंत्रालय में रेलवे यात्री टिकट बुकिंग सिस्टम को पूरी तरह से आइआरसीटीसी के हवाले करने का फैसला लिया है। अभी पीआरएस का केवल ऑनलाइन संस्करण ही आइआरसीटीसी के पास है। जबकि विंडो अथवा काउंटर बुकिंग सेंटर फार रेलवे इंफारमेशन सिस्टम्स (क्रिस) के पास है। अब ये दोनो माध्यम आइआरसीटीसी के पास होंगे।

इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से क्रिस के प्रबंध निदेशक (एमडी) तथा आइआरसीटीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) परिपत्र जारी किया गया है।

ट्रांसफारमेशन डायरेक्ट्रेट की ओर से जारी इस परिपत्र में न्यू एज टिकटिंग सिस्टम को पूरी तरह अपनाए जाने के लिए पीआरएस के कार्यों को आइआरसीटीसी को ट्रांसफर करने तथा क्रिस के कुछ स्टाफ को भी आइआरसीटीसी में स्थानांतरित करने की बात कही गई है।

परिपत्र में ये प्रक्रिया किस प्रकार संपन्न की जाएगी इसका ब्यौरा देते हुए क्रिस तथा आइआरसीटीसी से अपनी टिप्पणियां भेजने को कहा गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीआरएस को पूरी तरह आइआरसीटीसी के हवाले करने के पीछे ऑनलाइन बुकिंग को बढ़ावा देना तथा विंडो टिकटों को सीमित करने और अंतत: पूरी तरह समाप्त करने का मकसद है। इस समय देश में 3400 स्थानों पर 13 हजार से ज्यादा पीआरएस काउंटर हैं।

वर्ष 2018-19 के दौरान रोजाना तकरीबन 8 लाख टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के जरिए लगभग 14 लाख यात्रियों ने ट्रेन से यात्रा का इंतजाम किया। इसके मुकाबले विंडो या काउंटर से केवल 3 लाख टिकट ही लिए गए। ये टिकट 6।5 लाख लोगों की यात्रा के लिए खरीदे गए गए थे।

यह भी पढ़ें : बच्चों को चिड़चिड़ेपन से बचाने के लिए इन बातों का ख्याल रखें

यह भी पढ़ें : योगी मंत्रिमंडल का पहला विस्तार, इन चेहरों की हो सकती है एंट्री

यह भी पढ़ें : AMU को बंद किए जाने की क्यों उठी मांग, क्या है PM मोदी के विवादित बैनर का सच

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com