न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक आपूर्ति की ही दुकानें खोली जा रही थी। लेकिन अब गली-मोहल्लों में बिजली की दुकानें खोलने के निर्देश प्रशासन ने दिए हैं। लेकिन यह ऐसी दुकानें हैं जिनमें कूलर, पंखा जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसके साथ कालोनी- मोहल्लों में बिजली मरम्मत का भी काम सामान की कमी होने की वजह से नहीं हो पा रहे हैं।
थोक बाजार के कारोबारियों का कहना है कि यह सीजनल धंधा है। जो अप्रैल- मई तक ही चलता है। ऐसे में जब तक थोक बाजार की सप्लाई चैन नहीं सुधरेगी तब तक इसका पूरा फायदा आम ग्राहक को नहीं मिल पाएगा।
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बिजली की दुकान के मालिक अम्बे दूबे का कहना है कि गर्मी में लोग पंखा, कूलर खरीदना चाहते हैं या इसमें लगने वाला सामान की मांग करते हैं। लेकिन थोक बाजार बंद है, जिससे यह सामान नहीं मिल पा रहा है। हालांकि बल्ब, ट्यूबलाइट के साथ- साथ घरों में छोटी-छोटी तकनीकी खराबियों के लिए लोग सम्पर्क कर रहे हैं।
कारोबारी प्रतुल जोशी बताते हैं कि सीजनल काम केवल दो से तीन महीने ही चलता है। अब अगर अगले महीने बाजार खुल भी गई तो धंधा तो खत्म हो ही गया। छोटे कारोबारियों के सामने अब रोजी-रोटी का सवाल है। घर का खर्च चलाना और अपना कारोबार भी देखना है। कैसे चलेगा।
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कारोबारी मनोज की माने तो गर्मी के मौसम को देखते हुए जनवरी में ही कई कंपनियों से एयरंकडीशनर, फ्रिज, कूलर जैसा सामान आर्डर दिया था। जिसका लगभग आधा माल हमारे गोदाम में पड़ा हुआ है। अब तो लॉकडाउन की अवधि बार- बार बढ़ रही है। जिससे चिंता सता रही है कि जो सामान मंगवाया था वह बिकेगा कैसे और कंपनियों का बकाया कैसे अदा करें।
नाका के कारोबारियों की माने तो छोटी दुकानों को खोलने और उनके कारोबार को तभी चलाया जा सकता है जब उन तक आवश्यकता अनुसार सामान की सप्लाई भी हो सके। यह तभी संभव है जब थोक बाजार खोला जाए। मुख्य बाजार में दुकान होने के बावजूद तभी चलेगी जब इन छोटी दुकानों से भी आपूर्ति मांग की जाएगी। लेकिन प्रशासन हमारी दुकानों को खुलने नहीं दे रही।
कारोबारी आशीष यादव का कहना है हमारी दुकान से कालोनी के छोटे- छोटे दुकानदार सामान ले जाते हैं। लेकिन लॉकडाउन की वजह से दुकान नहीं खुल पा रही है। प्रशासन जब तक थोक बाजार को खोलने की अनुमति नहीं देगा तब तक छोटी दुकानों को खोलने से कोई असर नहीं होने वाला। प्रशासन को चाहिए कि जिस तरह से शराब की बिक्री को छूट दी है वैसे हमें भी अनुमति मिलनी चाहिए।
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