जुबिली स्पेशल डेस्क
देश के जाने-माने योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में भले ही उन्होंने माफी मांगकर मामले को खत्म करने की कोशिश की हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट अब भी इस मामले में सख्त नजर आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है और देश की शीर्ष अदालत ने र योग गुरु बाबा रामदेव से उनके अखबारों में दिए गए सार्वजनिक माफीनामे को लेकर सवाल किया है।
अदालत ने पूछा कि क्या आपका माफीनामा उतना ही बड़ा है, जितना आपने भ्रामक विज्ञापन दिया था। मामला यहीं पर खत्म नहीं होता है बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि आपने आखिर सुप्रीम कोर्ट में मामले पर सुनवाई से ठीक पहले ही सार्वजनिक माफीनामे को क्यों जारी किया गया।
बता दें कि देश के 67 अखबारों में पतंजलि आयुर्वेद ने माफीनामे को छपवाया गया है। इस पर गौर करें तो बोला गया है कि भ्रामक विज्ञापन देने जैसी गलती भविष्य में दोबारा नहीं की जाएगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया गया कि वह अदालत और संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को टाल दिया है और अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी। इसके साथ ही बाकी के सभी सात बिंदुओं पर 7 मई को सुनवाई होने की बात कही गई।
कुल मिलाकर अब ये देखना होगा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट अगला कदम क्या उठाता है लेकिन आज की सुनवाई से ये पता चल रहा है कि बाबा रामदेव की मुश्किलें अभी कम होने वाली नहीं है क्योंकि कई बिंदु है जिस पर सुनवाई होना बाकी है।
बता दें कि बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से ये माफीनामा ऐसे समय पर आया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाई थी।