जुबिली स्पेशल डेस्क
मध्य प्रदेश में चुनाव बेहद करीब है। इसलिए वहां पर सियासी पारा तेजी से बढ़ गया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं।
हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने वहां पर जीत दर्ज की थी और अपनी सरकार भी बनायी थी लेकिन सिंधिया ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर बगावत कर दी थी और उसका नतीजा ये हुआ कि कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और फिर बीजेपी ने सिंधिया समर्थकों के साथ मिलकर वहां पर फिर से अपनी सरकार का गठन कर डाला।
ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि इस बार ऐसी कोई स्थिति न आये और वहां पर मजबूत सरकार का गठन किया जाये। कमलनाथ इसको लेकर जमीनी स्तर काफी मेहनत कर रहे हैं और जनता का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
उधर अखिलेश यादव की पार्टी सपा भी मध्य प्रदेश चुनाव में अपना हाथ अजमा रही है और कई जगहों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है लेकिन उससे सिंधिया ने सपा प्रत्याशी को बीजेपी में शामिल करा दिया। इस तरह से सपा को सिंधिया ने बड़ा झटका दिया है।
स्थानीय मीडिया की माने तो टिकट न मिलने से नाराज भक्ति तिवारी ने बीजेपी से किनारा कर लिया था। भक्ति तिवारी 2020 में सिंधिया के साथ बीजेपी में आए थे।
बीजेपी में शामिल होने के बाद भक्ति तिवारी ने कहा कि वे बीजेपी के लिए पूरी ताकत के साथ प्रचार करेंगे। भक्ति तिवारी के बीजेपी में शामिल होने से सपा को बड़ा झटका लगा है. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने की समय सीमा समाप्त हो गई है। आखिरी दिन कई दिग्गज नेताओं ने नामांकन दाखिल किया। 21 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक कुल 3832 उम्मीदवारों ने 4359 नामांकन दाखिल किए हैं।
इस बार बीजेपी ने उनको टिकिट नहीं दिया तो वे सपा में शामिल हो गए और खरगापुर विधानसभा सीट से टिकिट हासिल कर लिया। लेकिन नामांकन के आखिरी दिन वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए।