जुबिली न्यूज डेस्क
वैज्ञानिकों ने पुरुषों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. वैज्ञानिकों ने स्पर्म और एग से जुड़ी एक बड़ी सफलता हासिल की है जो आने वाले समय में हमें इनफर्टिलिटी और गर्भधारण से बचने के नए तरीकों को खोजने में मदद कर सकती है. इज़राइल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नागोया विश्वविद्यालय और टोक्यो विश्वविद्यालय ने शुक्राणु और अंडे के एक शोध में खुलासा किया है कि कैसे स्पर्म और एग आपस में अटैच होते हैं.
वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में किया खुलासा
अभी तक के शोध से हमें यह तो पता था कि स्पर्म और अंडों के मिलने से गर्भधारण होता है लेकिन यह प्रक्रिया कितनी जटिल है उसे दोनों देशों के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी में बताया है. सेक्स की बायोलॉजी पर हुआ यह शोध हाल ही में द जर्नल ऑफ़ सेल बायोलॉजी में प्रकाशित किया गया था. वास्तव में एक ऐसे प्रोटीन की पहचान वर्टेब्रेट्स में की गई है जो सेक्स सेल के फ्यूज़न का कारण बनती है.
जिसका अर्थ यह है कि जब एक शुक्राणु और अंडाणु आपस में बंधते हैं, तो वे एक गेंद की तरह बन जाते हैं. लेकिन अगले चरण में, जब शुक्राणु और अंडाणु में फ्यूज़न होता है, तो उनके एनवेलप आपस में मिल जाते हैं, जिससे दोनों की खूबियां आपस में मिश्रित हो जाती हैं. बाद में, दोनों का जेनेटिक मैटेरियल एक साथ आता है और दो कोशिकाएं एक बड़ी कोशिका, जाइगोट बन जाती हैं, जो शिशु बन जाती है. वहीं सेक्स सेल जो आपस में मिल तो जाते हैं लेकिन फ्यूज नहीं कर पाते उनका नतीजा कुछ नहीं होता. इस कारण दो सेक्स सेल में फ्यूज़न होना बेहद जरूरी है.
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यह प्रोटीन फ्यूज़न के लिए है जिम्मेदार
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्पर्म की सतह पर मौजूद Izumo1 प्रोटीन अंडों की सतह पर मौजूद जूनो नामक प्रोटीन के साथ संपर्क करता है जिसका नाम प्रजनन और प्रेम की रोमन देवी के नाम पर रखा गया है. एक बार Izumo1 और जूनो एक साथ जुड़ जाते हैं, Izumo1 की दूसरी भूमिका शुरू हो जाती है. यह एक फ्यूज़ोजेन के रूप में भी काम करता है, दो सेक्स कोशिकाओं को एक कोशिका में जोड़ता है जो अपने डीएनए का आधा हिस्सा मां से और आधा पिता से प्राप्त करता है.
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