जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच वैज्ञानिक तीसरी लहर की बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत में जुलाई से सितंबर के बीच तीसरी लहर आयेगी जो बहुत ही खतरनाक है। जानकारी अभी से तैयारियों पर जोर दे रहे हैं।
वहीं शुक्रवार से पहले तक कोरोना की तीसरी लहर के लिए सरकार को एलर्ट करने वाले केंद्र के वैज्ञानिक सलाहकार डॉक्टर के. विजय राघवन ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर पर एकदम से यू-टर्न ले लिया है।
फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि उन्होंने केंद्र सरकार के दबाव में ऐसा किया है या यह उनकी निजी व स्वतंत्र सोच है।
शुक्रवार को डॉक्टर के. विजय राघवन ने कहा कि यदि जरूरी कदम उठाए गए तो भारत कोरोना वायरस की तीसरी लहर को ‘चकमा’ दे सकता है। उन्होंने कहा-यदि हमने कठोर कदम उठाए तो कोरोना की तीसरी लहर सभी स्थानों पर या फिर कहीं नहीं आएगी।
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डॉक्टर राघवन ने आगे कहा, ‘यह इस बात पर निर्भर करता है कि स्थानीय स्तर पर गाइडलाइन्स को, राज्यों, जिलों और शहरों में कितने प्रभावी तरीके से लागू किया जाता है।’
डॉक्टर राघवन का यह बयान बुधवार के उस बयान के एकदम उलट है, जिसमें उन्होने कहा था, “वायरस जिस तेजी से फैल रहा है, उसे देखते हुए कोरोना की तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है। तीसरी लहर का आना अवश्यंभावी है।
बुधवार को उन्होंने कहा था कि कोरोना के नए मामलों में मौजूदा वृद्धि की वजह इंडियन डबल म्यूटेंट है और अब यू. के. वेरिएंट का असर कम हो चुका है।
उन्होंने कहा था कि यह साफ नहीं है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर कब आएगा, लेकिन हमें तीसरी लहर को लेकर सचेत रहना होगा।
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डॉक्टर राघवन ने कहा था कि कोरोना टीके को अपग्रेड किए जाने पर निगरानी रखे जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकारों को जानकारी देकर जरूरी कदम उठाने को कहा है। उन्होने यह भी कहा था कि यूके वरिएंट का असर अब कम हो रहा है, लेकिन नए वेरिएंट प्रभाव दिखा रहे हैं।