जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्र मंत्री नितिन गडकरी का स्वीडन की एक कंपनी के भारत में रिश्वत घोटाले में नाम आया है। इस घोटाले को उजागर करने वाली मीडिया कंपनियों को मानहानि का नोटिस भेजा है।
स्केनिया से लेनदेन के मामले में गडकरी का नाम आने के बाद उन्होंने इस विषय में आई मीडिया रिपोर्टों को आधारहीन बताया है। गडकरी के कार्यालय ने अब स्वीडन की दो मीडिया कंपनियों एसवीटी और जेडडीएफ को मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा है।
दोनों मीडिया कंपनियों ने फोक्सवागन की स्वीडन स्थित सहायक कंपनी स्केनिया पर आरोप लगाया था कि उसने साल 2013 से 2016 के बीच भारत में बसों के ठेके हासिल करने के लिए अधिकारियों और नेताओं को रिश्वत दी थी।
ये भी पढ़े: तिहाड़ जेल में बंद आतंकियों के पास कैसे पहुंचा मोबाइल फोन
ये भी पढ़े: पंजाब में 169 दिन से रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे किसान क्यों हटें ?
ये भी पढ़े: ‘भाजपा को वोट न दो, इसने तो पूरा देश बर्बाद कर दिया’
ये भी पढ़े:तो इस दिन से खुलेंगे केदारनाथ के कपाट
स्केनिया ने इसे स्वीकारते हुए कहा है कि एक आतंरिक जांच के बाद कंपनी ने घोटाले में शामिल कर्मचारियों को निकाल दिया था और भारत में अपने व्यापार को बंद कर दिया था।
The spokesperson further said:
“No, this particular bus was purchased from Scania India in 2016 by one of the company’s private dealers who delivered it to one of its customers (an Indian bus operator).
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 11, 2021
इतना ही नहीं उसी मीडिया रिपोर्ट में और बड़े-बड़े दावे किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार स्केनिया ने अपनी एक खास बस, मेट्रोलिंक एचडी, गडकरी से जुड़ी एक कंपनी को उनकी बेटी की शादी में इस्तेमाल के लिए दी थी, वो भी बिना पूरा भुगतान हुए।
वहीं 11 मार्च को गडकरी के कार्यालय से जारी किए गए बयान में इस आरोप का खंडन किया गया था।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस को बाद में स्केनिया ने बताया कि उसने वो बस बेंगलुरु में अपने एक डीलर को बेच दी थी जिसने बस को नागपुर की एक दूसरी कंपनी सुदर्शन हॉस्पिटैलिटी को बेच दिया था।
We do not inform about the price our retailer organisation (i.e. the dealers) is charged for the products they sell on the market,” she said. It also denied engaging in any business deal with any connected with Gadkari’s sons.
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 11, 2021
स्केनिया ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को निजी इस्तेमाल के लिए कोई भी बस देने से इनकार किया है।
ये भी पढ़े:राहुल गांधी ने क्यों कहा-भारत अब लोकतांत्रिक देश नहीं रहा
ये भी पढ़े:Pulast Tiwari Encounter : कोर्ट ने दिया पुलिसवालों पर FIR के आदेश
लेकिन इसमें यह भी सामने आया है कि केंन्द्रीय मंत्री ने स्केनिया की इथेनॉल से चलनी वाली बसों को नागपुर में चलाने के लिए वहां की नगरपालिका को कहा था।
इसके बाद कंपनी के साथ नगरपालिका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर कर ऐसी 55 बसें ट्रायल पर लिया और नागपुर में चलवाया।
्रकंपनी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ट्रायल पूरा होने के बाद बसें कंपनी को वापस लौटा दी गईं। फिलहाल गडकरी के कार्यालय ने इस ट्रायल के बारे में जो जानकारी है उसे स्वीकारा है और कहा है कि स्केनिया की इथेनॉल से चलने वाली बसों को नागपुर में लाने में केंद्रीय मंत्री की अग्रणी भूमिका रही है।
लेकिन इस ट्रायल में भ्रष्टाचार की संभावना से केंद्रीय मंत्री और स्केनिया दोनों ने ही इनकार किया है। सभी का कहना है कि कंपनी और नगरपालिका के बीच हुआ समझौता व्यावसायिक था, लेकिन इसमें कितने पैसों का लेन देन हुआ था, यह अभी सामने नहीं आया है।