ओम कुमार
हरदोई के कोषागार में हुए एक घोटाले के मामले में से जुड़े वरिष्ठ कोषाधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि कोषागार में लिंक पेंशन पोर्टल पर फर्जी पीपीओ तैयार कर पेंशन के रूप में करोड़ों रूपये का अनियमित भुगतान करा कर शासकीय धन की लूट की गयी।
इस घोटाले के मुख्य आरोपी तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपांकर शुक्ला और देवी प्रसाद तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए आलोक कुमार अग्रवाल, वित्त नियंत्रक कार्यालय प्रमुख वन संरक्षक उत्तर प्रदेश लखनऊ को जांच का जिम्मा सौंपा है।
सूत्रों के अनुसार फर्जी पीपीओ के माध्यम से फर्जी व्यक्तियों जो पेंशनर थे ही नहीं, के खातों में धनराशि का अंतरण कोषागार से नियमित रूप से हुआ।
कंप्यूटर पेंशन सॉफ्टवेयर में फर्जी पीपीओ भर के भुगतान करने की बात कही जा रही है। आरोप है कि तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपांकर शुक्ला(इस समय प्रयागराज विकास प्राधिकरण, प्रयागराज में वित्त नियंत्रक के पद पर हैं) ने कोषागार हरदोई में दिनांक 13-8-2010 से 24-06-2015 तक की तैनाती अवधि में रू01,23,51,115 का फर्जी पेंशन का भुगतान किया। यह काम राकेश कुमार लेखाकार तथा दिनेश प्रताप सिंह सहायक कोषा धिकारी की मिलीभगत से किये जाने का भी आरोप है।
इसी प्रकार,देवी प्रसाद तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी हरदोई, जो फिलहाल संयुक्त निदेशक, कोषागार निदेशालय के रूप में तैनात है, के ऊपर आरोप है कि कोषागार हरदोई में दिनांक11-08-2015 से 04-07-2017 तक रू02,85,87,579 के अनियमित पेंशन के भुगतान से संबंधित समस्त अभिलेख कार्यालय से गायब होने और अभिलेखों को रखने वाले दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी विधिक कार्यवाही नहीं किया।