बिहार के विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास सार्वजनिक नहीं करने के मामले में सख्त कदम उठाया है…BJP-कांग्रेस, RJD, JDU सहित 9 दलों पर लाखों का जुर्माना…
जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। चुनाव में अक्सर राजनीतिक दल ऐसे लोगों को टिकट देते हैं जिनका संबध अपराध की दुनिया से रहा है। दरअसल भारतीय राजनीति में आपराधिक तत्वों का दबदबा एक प्रकार का कैंसर है, जिसका इलाज होना बहुत जरूरी है।
अब सुप्रीम कोर्ट राजनीति को बेदाग करने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। दरअसल राजनीति को बेदाग करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी और कांग्रेस सहित आठ राजनीतिक दलों पर भारी जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि इन राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केसों का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया।
बताया जा रहा है कि बिहार चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में प्रकाशित न करने के मामला पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 पार्टियों को अपने आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना का दोषी माना।
यह भी पढ़े : कोरोना : 147 दिनों में सबसे कम नए मामले, 24 घंटे में 28,204 केस
यह भी पढ़े : बीजेपी सांसद का दावा, जेपी की किडनी खराब करने लिए इंदिरा गांधी ने…
यह भी पढ़े : 7 अगस्त जेवलिन थ्रो डे घोषित, नीरज चोपड़ा ने कहा- अगला लक्ष्य 90 मीटर
सुप्रीम कोर्ट ने आज यह आदेश दिया कि कोई भी राज्य सरकार वर्तमान या पूर्व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक केस बिना हाई कोर्ट की मंजूरी के वापस नहीं ले सकती। सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों के तेज निपटारे से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है। 2016 से लंबित इस मामले में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से तमाम लंबित मुकदमों का ब्यौरा मांगा था.
इन पार्टियों पर लगा जुर्माना
जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी, कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआई पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया है जबकि एनसीपी और सीपीएम पर पांच-पांच लाख जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे क्या कहा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सख्त नजर आया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ यह भी कड़ा निर्देश दिया है कि राजनीतिक दल अपनी वेबसाइट पर प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड डालें।
यह भी पढ़े : Varanasi : घाट जलमग्न होने से अंतिम संस्कार करना भी हुआ मुश्किल
यह भी पढ़े : कोरोना काल में रोजगार छिनने से भीख मांगने को मजबूर हुए अनेक लोग : रिपोर्ट
यह भी पढ़े : मुस्लिम विरोधी नारेबाजी मामले में पूर्व बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि वो एप बनाये। इस ऐप के सहारे मतदाता अपने प्रत्याशियों को बारे सारी जानकारी हासिल कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पार्टी प्रत्याशी चुनने के 48 घंटे के अंदर आपराधिक रिकॉर्ड मीडिया में प्रकाशित करे। ऐसा न करने पर सुप्रीम कोर्ट को सूचित करे।