Friday - 25 October 2024 - 3:22 PM

मासूमों की मौत पर केन्द्र व बिहार सरकार को एससी की नोटिस

न्यूज डेस्क

बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से बच्चों का मरने का सिलसिला जारी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, बिहार सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य और केन्द्र दोनों सात दिन के भीतर हलफनामा दाखिल कर बताएं कि उन्होंने इंसेफलाइटिस से हो रहे बच्चों की मौत को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक अब तक 117 की मौत हुई है। इसके अलावा भागलपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सीतामढ़ी और समस्तीपुर से मौतों के मामले सामने आए है। इस मामले को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सवालों के घेरे में है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्टï्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया था कि मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत के लिए नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं और इसके लिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

बिहार के 16 जिलों में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम के मामला सामने आया है। इस महीने की शुरुआत से 600 से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं जिनमें से 142 की मौत हो चुकी है।

भारत में सबसे सामान्य तौर पर जो वायरस पाया जाता है उससे जापानी इंसेफलाइटिस (जापानी बुखार) होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के अनुसार दिमागी बुखार के 5-35 फीसदी मामले जापानी बुखार वायरस के कारण होते हैं।

मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था। इधर के कुछ सालों में इस बीमारी की भयावहता बढ़ी है लेकिन सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है। दो दशक से ज्यादा समय से इस बीमारी की वजह से बच्चे मर रहे हैं लेकिन सरकार अब तक कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पायी है।

इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके बाद से हर साल लगातार इसका कहर बरप रहा है, लेकिन इस बीमारी के असल कारणों की पड़ताल अब तक नहीं हो सकी है।

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