जुबिली स्पेशल डेस्क
चीन से निकला कोरोना वायरस अब भी पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा है। हालांकि चीन में ये वायरस अब खत्म हो गया है लेकिन विश्व के दूसरे देश अब भी कोरोना वायरस की चपेट में हैं।
बात अगर भारत की जाये तो कोरोना की पहली लहर से भारत किसी तरह से बाहर आ गया था लेकिन दूसरी लहर में कोरोना और खतरनाक हो गया है और लगातार लोगों की जान ले रहा है।
आलम तो यह रहा कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से लोगों ने दम तोड़ा है। इतना ही नहीं कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन बन गई और लोगों को लगने भी लगी है लेकिन वैक्सीन को लेकर देश में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। दरअसल टीकाकरण अब भी कई राज्यों में धीमा है। इतना ही नहीं कई राज्यों में वैक्सीन की भारी कमी है।
इस वजह से कई जगह टीकाकरण पर ब्रेक लगाना पड़ा है। इस वजह से मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट भी काफी सख्त नजर आ रहा है और सरकार से कड़े सवाल पूछ रहा है।
दूसरी लहर के दौरान जरूरी दवाइयां, वैक्सीन और मेडिकल ऑक्सीजन और बेड की कमी से देश जूझता नजर आया है। इसी सबको लेकर सुप्रीम कोर्ट में 31 मई को सुनवाई चल रही है।
इस बेंच की अध्यक्षता जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान कई मौकों पर सरकार से कोर्ट ने सवाल पूछा है। इतना ही नहीं बेंच ने कोरोना वैक्सीन नीति में खामियों की तरफ भी ध्यान दिलाया।
Supreme Court hears issues relating to COVID19, asks the Centre about rationale for dual price policy for vaccines
SC says there needs to be one price for vaccines across the nation, also pulls up Centre on procurement of vaccines & mandatory registration on CoWIN app pic.twitter.com/9GQcCPSkgz
— ANI (@ANI) May 31, 2021
वैक्सीन टेंडर को लेकर सवाल
सुनवाई के दौरान वैक्सीन खरीदने की नीति है को लेकर सवाल पूछा गया है। क्या यही केंद्र सरकार की वैक्सीन खरीदने की नीति है? क्या केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वो खुद से वैक्सीन खरीदें और कंपटीशन करें?
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि कई राज्य सरकारें वैक्सीन खरीदने के लिए खुद ग्लोबल टेंडर जारी कर रही हैं। इसी को लेकर सवाल किया है।
वैक्सीन खरीदने को लेकर केंद्र ने सफाई पेश की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई के दौरान सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि राज्य एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। ऐसी स्थिति नहीं है कि कुछ राज्य ज्यादा पेमेंट करके और ज्यादा वैक्सीन खरीद रहे हैं।
हालांकि इसके फौरन बाद सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र का जिक्र कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम तमाशा देख रहे हैं कि नगर निगम और राज्य ग्लोबल टेंडर जारी कर रहे हैं। क्या केंद्र की यही नीति है कि हरेक नगर निगम और राज्य सरकार को उनके भरोसे छोड़ दिया जाए और ग्लोबल टेंडर निकलवाया जाए?
कोर्ट ने कहा कि मुंबई नगर निगम के बजट की तुलना उत्तर प्रदेश या बिहार या और किसी राज्य के शहर से करिए। मुंबई का बजट कई राज्यों के बजट से अधिक है। क्या आप पॉलिसी के तौर पर नगर निगम को टेंडर देने की इजाजत देते हैं?
वैक्सीन के अलग-अलग रेट का मामला उठा
सुनवाई के दौरान वैक्सीन के अलग-अलग रेट का मामला उठा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन की कीमत को लेकर सवाल उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से वैक्सीन की कीमतों को लेकर पूछा है कि क्या टीके की कीमतों को लेकर कोई पॉलिसी बनाई गई है?
कोरोना वैक्सीन के अलग-अलग रेट के पीछे क्या तर्क है? इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी जोर देते हुए कहा कि देश में वैक्सीन का एक ही दाम होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 से 45 साल वाले लोगों को टीकाकरण में हो रही परेशानी का मामला भी उठाया है। बता दे कि सरकार ने हाल में कहा था कि 2021 के अंत तक सभी योग्य लोगों को वैक्सीन लगने की बात कही थी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर कहा कि कई कंपनियों से वैक्सीन बनाने की बातचीत चल रही है अगर सबकुछ ठीक रहा तो तो टीकाकरण की गति तेज हो सकेगी।
गांवों में वैक्सीनेशन सरकार को आड़े हाथ लिया
गांवों में कोरोना तेजी से फैल रहा है। ऐसे में वहां पर वैक्सीनेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीनेशन के रजिस्ट्रेश की दिक्कत को लेकर कहा कि इसे कैसे दूर किया जा रहा है। दरअसल कोर्ट का कहना था कि देश में सबके पास मोबाइल और इन्टरनेट का एक्सेस नहीं है।
हालांकि तुषार मेहता ने कहा कि हर गांव में एक सेवा केंद्र होता है. अगर किसी ग्रामीण के पास मोबाइल नहीं है तो वह सर्विस सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकता है, और टीका लगवा सकता है।
SC asks SG Tushar Mehta – How're you answering the digital divide? How are you ensuring that the migrant workers are able to get vaccinated?
SG tells Court that walk-in registrations are allowed for 45+, CoWIN digital portal allows registration of 4 persons with one phone no.
— ANI (@ANI) May 31, 2021
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आपको जमीनी हकीकत के बारे में पता होना चहिए. आप लगातार डिजिटल इंडिया कहते हैं, लेकिन देखिए क्या असल हाल है