जुबिली न्यूज डेस्क
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ याचिका पर शीर्ष अदालत ने सुनवाई की।
अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर आरोपी की जमानत क्यों न खत्म कर दी जाए? इसके अलावा अदालत ने यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय का आदेश गलत था।
प्रशांत भूषण ने यह भी आरोप लगाया था कि अदालत में सुनवाई से पहले गवाह पर जानलेवा हमला किया गया।
मालूम हो कि इस मामले में चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हो गई थी। इसमें दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार शामिल था।
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ही आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई थी। इससे पहले जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच सौंपी थी, तब मिश्रा की गिरफ्तारी हुई थी।
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आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया वह आशीष मिश्रा की ही गाड़ी थी।
किसानों को परिवार ने आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ दस फरवरी को विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह भी संभव है कि प्रदर्शनकारियों को बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी तेज चलाई हो और यह हादसा हो गया हो। हालांकि मृतक किसानों के परिवार इस संभावना से इनकार कर रहे हैं।
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