जुबिली न्यूज़ डेस्क
मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक के कई डिजिटल माध्यमों पर लेनदेन में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक के विभिन्न मंचों पर डिजिटल लेनदेन बढ़कर 67% हो गया है, जो महामारी से पहले 60% था। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान लॉकडाउन अंकुशों की वजह से ई-कॉमर्स गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं जिससे डिजिटल लेनदेन में भी बढ़ोतरी हुई है।
खारा ने कहा जब ई-कॉमर्स गतिविधियां बढ़ती हैं, तो डिजिटल माध्यमों की स्वीकार्यता बढ़ती है। यही वजह है कि हमारा डिजिटल लेनदेन अब 67% के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।
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खारा ने बातचीत में कहा मेरा मानना है कि यह काफी अच्छा आंकड़ा है। यह देखते हुए कि बैंक में हम डिजिटल रूप से जागरूक के अलावा उन उपभोक्ताओं को भी सेवाएं देते हैं, तो डिजिटल लेनदेन में इतने कुशल नहीं होते।
उन्होंने कहा कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) की चौबीसों घंटे उपलब्धता तथा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) की वजह से भी बैंक को डिजिटल लेनदेन बढ़ाने में मदद मिली है।
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खारा ने कहा मुझे लगता है कि ऊंचा डिजिटल लेनदेन पारिस्थतिकी तंत्र की वजह से आया है। इसका एक हिस्सा बैंक के खुद के प्रयासों से हासिल हुआ है।” उन्होंने कहा कि बैंक के डिजिटल ऋण मंच योनो (यू ओनली लीड वन ऐप) ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान अच्छी वृद्धि दर्ज की है।
अभी योनो के पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं की संख्या 3.5 करोड़ है। खारा ने बताया कि बैंक मोबाइल ऐप के जरिए रोजाना 35,000 से 40,000 बचत खाते खोल रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान, YONO के जरिए 12.82 लाख ग्राहकों को लगभग 16,000 करोड़ के प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन का वितरण किया गया है।
एसबीआई चेयरमैन ने यह जानकारी दी कि YONO ऐप के जरिए जहां तकरीबन 4,000 करोड़ के 59,000 करोड़ कार लोन मंजूर किए गए, वहीं बैंक मोबाइल ऐप की मदद से 4,000 करोड़ के 15,000 होम लोन जेनरेट कर सका।
YONO ऐप एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस और एसबीआई कार्ड और एसबीआई म्यूचुअल फंड सहित बैंक की सहायक कंपनियों के प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूशन में भी मदद करता है। इस वित्त वर्ष में, YONO प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए, 25 लाख के पर्सनल एक्सीडेंट पॉलिसी और 7 लाख जीवन बीमा पॉलिसी जारी की गई हैं।
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