न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। अगर आपका भी देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में खाता है, तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। एक अक्तूबर 2019 यानि कि आज से एसबीआई के लोन, चेक बुक, एटीएम, मिनिमम बैंलेंस, आरटीजीएस और एनईएफटी सहित छह नियम बदलने हैं।
एसबीआई एक अक्तूबर से मेट्रो शहरों के ग्राहकों के लिए मंथली मिनिमम बैलेंस की रकम घटाकर 3,000 रुपये कर देगा, जो अभी 5,000 रुपये है। इसके अलावा पूर्ण शहरी इलाके के खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर लगने वाला चार्ज भी कम कर दिया है।
ऐसे ग्राहकों के खाते में 75 फीसदी से कम राशि हुई तो 15 रुपये जीएसटी के साथ जुर्माना लगेगा, जो अभी तक 80 रुपये और जीएसटी लगता है। वहीं 50 से 75 फीसदी राशि कम होने पर 12 रुपये और जीएसटी लगेगा, जो अभी 60 रुपये जीएसटी के साथ है।
घट जाएंगे चेक बुक में पन्ने
एसबीआई ने चेक के द्वारा किए जाने वाले लेन-देन को महंगा कर दिया है। बैंक ने सेवा शुल्कों की नई सूची जारी की है। उसके मुताबिक अब बचत खाते पर एक वित्त वर्ष में 25 की जगह केवल 10 चेक ही मुफ्त देगा। इसके बाद 10 चेक लेने पर 40 रुपये देने होंगे। जबकि पहले मुफ्त चेकबुक के बाद 10 चेक लेने पर 30 रुपये देने पड़ते थे। इसमें जीएसटी अलग से चुकाना होगा।
चेक बाउंस होने पर लगेंगे 168 रुपये
एसबीआई ने चेक रिटर्न के नियमों को भी कड़ा कर दिया है। बैंक के सर्कुलर के अनुसार एक अक्तूबर के बाद कोई भी चेक किसी तकनीकी के कारण (बाउंस के अलावा) लौटता है तो चेक जारी करने वाले पर 150 रुपये और जीएसटी अतिरिक्त का चार्ज देना है। जीएसटी को मिलाकर यह चार्ज 168 रुपये होगा।
ATM के नियम में भी होगा बदलाव
एक अक्तूबर से एसबीआई के एटीएम चार्ज भी बदल जाएंगे। बैंक के ग्राहक मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में से अधिकतम 10 बार ही फ्री डेबिट लेन-देन कर सकेंगे। मौजूदा समय में यह लिमिट छह लेन- देन की है।
NEFT और RTGS के चार्ज भी बदले
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल- टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) का शुल्क भी बदलने जा रहा है। 10,000 रुपये तक का एनईएफटी लेनदेन पर दो रुपये के साथ जीएसटी लगेगा। वहीं दो लाख से अधिक की राशि एनईएफटी करने पर 20 रुपये के साथ ग्राहकों को जीएसटी देना होगा।
आरटीजीएस से दो लाख से पांच लाख तक भेजने पर 20 रुपये के साथ जीएसटी लगेगा। पांच लाख रुपये से ज्यादा के लेनदेन पर 40 रुपये प्लस जीएसटी चार्ज लगेगा। बता दें कि यह डिजिटल पेमेंट माध्यम से मुफ्त है लेकिन ब्रांच पर इसकी फीस लगाई जाती है।