चारु खरे
टीवी की दुनिया की पहली ‘नागिन’ कही जाने वाली ‘सायंतनी घोष’ इनदिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव नजर आती हैं. उन्होंने टीवी इंडस्ट्री में जो कुछ भी हासिल किया वह अपने बलबूते पर पाया। और इस बात को सायंतनी साफतौर पर कहती हैं कि इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं है. किसी भी किरदार को चुनने से पहले सायंतनी किन बातों का ध्यान रखती हैं और उनके ड्रेसिंग सेन्स और सुंदरता का क्या राज है. पढ़िए बातचीत के इस अंश में उनके खास जवाब…
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सवाल : सायंतनी नाम किसने दिया आपको इस नाम का क्या अर्थ है ?
सायंतनी : नाम तो मम्मी-पापा ने ही दिया है. इस नाम का अर्थ है- एक ऐसी लड़की जो शाम को पूजा करती है.
सवाल : अब तक का सबसे चैलेंजिंग किरदार कौन सा रहा है आपके लिए ?
सायंतनी: वैसे मेरे लिए सभी किरदार चुनौतीपूर्ण रहा है. हर किरदार के अपने-अपने मायने होते हैं. ‘नागिन’ एक ऐसा ही रोल है जिसके जरिये मैं लोगों के सामने आई. दूसरा नामकरण में मैंने नीला का किरदार निभाया, जिसने भावनात्मक रूप से मुझे काफी प्रभावित किया।
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सवाल : आप किसी भी किरदार को चुनने से पहले किन बातों का ध्यान रखती हैं?
सायंतनी : मैं सबसे ज्यादा किरदार और कहानी पर तवज्जो देती हूँ. लेकिन उस कहानी में मैं कितना एक्टिव हूँ, मैं इन बातों का ध्यान भी रखती हूं. कुछ किरदार में दम होता है, पर कहानी में नहीं। तो क्रिएटिव तौर पर मैं कितना चुनौतीपूर्ण किरदार निभा रही हूँ अपने आप के लिए, तो ये मेरा पहला फर्स्ट लुकआउट होता है किसी भी किरदार को चुनने से पहले।
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सवाल : ‘सत्यवती’ का ‘महाभारत’ में सफर खत्म होने के बाद क्या आपने शो को फॉलो किया ?
सायंतनी: हर रोज तो शो देखना होता नहीं है. लेकिन हाँ अपडेट लेना नहीं बंद किया। मैं सत्यवती का किरदार नहीं करना चाहती थी. लेकिन फिर शो के निर्माता सिद्धार्थ तिवारी मेरे अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने कहा-तुम इस शो को करो ये बहुत अच्छा रहेगा तुम्हारे लिए. ऐसा दो बार हुआ है जब मैं कोई रोल नहीं करना चाहती थीं फिर अलग-अलग कारणों से करना पड़ा. सिद्धार्थ को सत्यवती के लिए मैं फिट लगी बाद में मैंने भी महसूस किया कि ‘सत्यवती’ एक ऐसा किरदार है जिससे महाभारत की शुरुआत, भीष्म की प्रतिज्ञा आदि चीजें हुई. तो ऐसा कहा जा सकता है कि सत्यवती का किरदार छोटा रहा होगा पर काफी गहरा था.
सवाल : आपकी खूबसूरती को किस तरह से मेन्टेन रखती हैं ?
सायंतनी: मैं बहुत ही आलसी हूँ. लेकिन कुछ बेसिक सी चीजें फॉलो करती हूँ जैसे कि मैं कभी भी मेकअप के साथ नहीं सोती हूँ. हमेशा मेकअप रिमूव करके सोती हूं. मैं सन स्किन क्रीम का यूज करती हूं. लॉकडाउन नहीं भी होता तो भी मैं इस क्रीम का यूज करती हूं. क्योंकि हार्मफुल रेज़ तो घर के अंदर भी आ ही रही है. घर का खाना खाइये और अंदर से अपनी सेहत का ध्यान रखिये।
सवाल : अपने आउटलुक के लिए किससे इंस्पायर है ?
सायंतनी : ‘मैं क्या पसंद करती हूँ’ ये बहुत महत्व रखता है मेरे लिए. जैसे, मुझे इंडो वेस्टर्न पसंद है. अगर मैं वेस्टर्न भी पहनती हूं, तो ट्राइबल ज्वेलरी कैरी कर लेती हूँ. लोगों को इवेंट और पसंद के अनुसार अपनी ड्रेस सेलेक्ट करना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि ट्रेंड में कुछ आया और आपको सही लगे या नहीं आपने उसे फॉलो कर लिया। तो अपनी पसंद का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए।
सवाल : ‘नेपोटिज्म’ पर क्या राय है आपकी ?
सायंतनी: टीवी की दुनिया में ‘नेपोटिज्म’ का इतना बोलबाला नहीं है. न ही मैंने ऐसा कुछ फेस किया। जैसा कि मैंने पहले कहा कि मैंने जो किया खुद से किया। मेरा इंडस्ट्री में कोई गॉडफादर नहीं है. मुझे जो मिला, मेरी मेहनत से मिला। लेकिन हां किसी के बेटे-बेटी को मौका मिले तो बुरा नहीं है. लेकिन अगर उस मौके में आप खुद को साबित न कर पाए, तो वो मौका किसी योग्य इंसान को जरूर मिलना चाहिए।
सवाल : लॉकडाउन बढ़ा, तो क्या किसी प्रोजेक्ट पर घर से काम करेंगी ?
सायंतनी: जी ! मेरी कुछ डायरेक्टर्स और दोस्तों से बात चल रही है. अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो शार्ट स्टोरीज पर घर से ही शूटिंग शुरू कर सकते हैं.
(चारु खरे के साथ सायंतनी घोष की फ़ोन पर हुई बातचीत के आधार पर )