जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के पुलिस अधीक्षक हमेशा की तरह से जनसुनवाई कर रहे थे. ग्वालियर के लोग अपनी समस्याएं उन्हें सुनते जा रहे थे और वह सम्बंधित थानों के प्रभारियों को निर्देश देते जा रहे थे इसी बीच एक दुबला-पतला शख्स उठकर खड़ा हुआ. अपनी समस्या बताने की जगह वह जोर-जोर से रोने लगा. बहुत समझाने के बाद वह एसपी के पैर पकड़ता हुआ बोला कि साहब मुझे मेरी बीवी से बचा लो. रोज़-रोज़ की मारपीट से तंग आ चुका हूँ.
इस शख्स ने एसपी अमित सांघी को बताया कि 2016 में उसकी शादी हुई थी. शादी के बाद से ही उसकी बीवी उसी से कपड़े धुलवाती है. बर्तन मंझवाती है. कभी किसी काम को मना कर देने पर अपने मायके वालों के साथ मिलकर पीटती है. उसने बताया कि सारा काम करने के बावजूद उसे भरपेट खाना भी नहीं मिलता है. उसकी कहानी सुनकर एसपी ग्वालियर के साथ-साथ पूरा पुलिस महकमा आवाक रह गया.
ग्वालियर के कुम्हारों के मोहल्ले में रहने वाले धर्मेन्द्र पाल ने एसपी से कहा कि जब से उसकी शादी हुई है उसकी ज़िन्दगी हराम हो गई है. वह इतना प्रताड़ित किया गया है कि अब जीने की चाह भी नहीं बची है. वर्ष 1998 में पिता की मौत के बाद धर्मेन्द्र को अनुकम्पा के आधार पर नौकरी मिली थी. 2016 में विनय नगर की अनीता के साथ उसकी शादी हो गई.
शादी के बाद कुछ दिन तो ठीक से बीते फिर इसके बाद उसके सास- ससुर और पत्नी तीनों ने मिलकर उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया. शादी के दो साल बाद ससुराल वालों ने उसे कमरे में बंद कर जमकर पीटा और इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया. उसके खिलाफ दहेज़ एक्ट में मुकदमा लिखवा दिया.
ससुराल वालों ने उसके बैंक एकाउंट में पत्नी का नाम भी जुड़वा दिया और अब उसे एस एकाउंट से पैसा भी नहीं निकालने दिया जाता. धर्मेन्द्र ने एसपी से कहा कि अगर उसकी समस्या का कोई हल न हो तो उसे इच्छा मृत्यु की इजाज़त दे दी जाए. पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्रीय थाना प्रभारी को आदेश दिया है कि उसकी पत्नी की काउंसिलिंग कराई जाए और पति-पत्नी की समस्या का निबटारा कराया जाए.
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