न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। यूपी की गाजीपुर जेल में बंद 10 नागरिक सत्याग्रह पदयात्रियों ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। नागरिक सत्याग्रह चौरी- चौरा (गोरखपुर) से राजघाट (दिल्ली) तक एक पैदल मार्च है। इस मार्च में लोग शांति और हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने और गांधी के विचारों को फैलाने की बात कर रहे थे।
उन्हें 11 फरवरी को गाजीपुर में गिरफ्तार किया गया था। उस समय तक इन लोगों ने 250 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली थी। इन 10 लोगों में एक महिला पत्रकार, छात्र और एक सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं।
गाजीपुर जेल के अंदर इन सत्याग्रहियों ने आज शाम से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। गाजीपुर पुलिस के जेल अधीक्षक को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा है – ‘हम चौरी चौरा से राजघाट दिल्ली तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च कर रहे थे। यूपी पुलिस ने बिना किसी आधार के हमें गिरफ्तार करके हमारे बुनियादी मानवाधिकारों का हनन किया है।’
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इससे पहले कल, एसडीएम सदर, गाजीपुर ने 5 लाख रुपये जमानत बांड और 2 सरकारी अधिकारियों को जमानत के लिए गारंटर के रूप में मनमाने ढंग से जमानत देने का आदेश पारित किया था।
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बता दे की पुलिस ने यात्रा के उद्देश्य को रोकने और यात्रा को खत्म करने का प्रयास किया है। इसलिए एफआईआर में उन्होंने कहा कि यात्रा सीएए और एनआरसी के खिलाफ है। इस यात्रा के पूरे एजेंडे को मोड़ने के लिए पुलिस और प्रशासन ने पूरा प्रयास किया। लेकिन यात्रा हर प्रकार की हिंसा और नफरत के खिलाफ थी, जो समाज में मौजूद है और गांधी के विचार को फैलाने के लिए थी।
प्रदर्शनकारी युवाओं से कह रहे थे कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और नौकरियों के मुद्दों पर टिके रहें और राजनेताओं को किसी भी धर्म या जाति के खिलाफ घृणा से न भरें। वो पूछना चाहते थे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी, भेदभाव की बात कब से अपराध बन गई?
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उनका कहना था कि हमारी सरकार रोजगार, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य प्रदान करने में विफल रही है। मंत्रियों और सांसदों के सदस्य घृणित संदेश फैला रहे हैं और सरकार सीएए और एनआरसी द्वारा इसका सामना करना चाहती है।
बता दे के सरकार ने पैदल मार्च कर रहे शांतिपूर्ण लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया। वे बताना चाहते थे कि – ‘हम गांधी के भारत के बच्चे हैं और सत्याग्रह आपकी नफरत से लड़ने के लिए हमारा हथियार है। हम जेल के बाहर भी बोलेंगे और जेल के अंदर भी।
आज शाम 5 बजे से हम सभी अपने मानव अधिकारों के लिए यह भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं।’ भारत हमारा देश है और पुलिस यह तय नहीं करेगी कि हम शांति से कहां जा सकते हैं, कहां नहीं।
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