न्यूज डेस्क
जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर चारों तरफ अलग-अलग तरह की बहस चल रही है। इस हंगामे के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक दल आपने राजनीतिक फायदे के लिए जम्मू कश्मीर में खौफ का महौल बना रहे हैं।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि कश्मीर में किसी को डरने की जरूरत नहीं हैं। राज्यपाल का कहना है कि आतंकी खतरे की वजह से एडवाइजरी जारी की गई थी। दरअसल, शुक्रवार को सरकार की ओर से सुरक्षा का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर में एजवाइजरी जारी की गई थी।
J&K Guv on security advisory: It’s our responsibility to see safety of pilgrims & tourists. Lot of terrorists are sitting across the Line to cross here & most of them are suicide bombers. If something happens, that will have repercussions all over country. We wanted to avoid that pic.twitter.com/lV8xF4zGka
— ANI (@ANI) August 3, 2019
वहीं अमरनाथ यात्रा भी इस एजवाइजरी के बाद रोक दी गई थी। राज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार के अनुरोध के बाद वायुसेना सभी अमरानाथ यात्रियों को एयरलिफ्ट करेगी।
राज्यपाल ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर भरोसा ना करने की बात कही। इससे पहले घाटी में बदलते हालात के बीच पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन की राज्यपाल से मुलाकात हुई।
राजभवन से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा जारी किए परामर्श समेत शुक्रवार दिन में हुए घटनाक्रमों से कश्मीर घाटी में डर की स्थिति पैदा होने के बारे में चिंताएं जताई हैं। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से जल्द से जल्द लौटने के लिए कहा है।
दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के ताजा हालात पर राजनीति भी जारी है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कश्मीर और लद्दाख के लोग गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद काफी डरे हुए हैं। ऐसा तो तब भी नहीं हुआ, जब घाटी में आतंक चरम पर था।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘अतीत में, यहां तक कि मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, नरसिम्हा राव के शासन में ऐसा कभी नहीं हुआ कि तीर्थयात्रियों को वापस घर लौटने के लिए कहा गया. पूर्व में ऐसी स्थिति कभी नहीं पनपी. यह अभूतपूर्व है।’
आजाद ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जो कुछ कश्मीर में कर रही है, उसे अन्य राज्यों के चुनावों में भुनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में संसद में बयान दें।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी घाटी में नफरत फैलाना चाहती है। पर्यटकों का हर कश्मीरी खुले दिल से स्वागत करता है लेकिन सरकार लोगों में खौफ पैदा करना चाहती है और घाटी के स्थानीय लोगों में नफरत फैला रही है।’
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ’35ए को समाप्त करना राजनीति से प्रेरित है। पूर्वोत्तर में 8 ऐसे राज्य हैं जहां आप जमीन नहीं खरीद सकते। हिमाचल और उत्तराखंड भी उदाहरण हैं। ऐसे राज्यों के लिए कोई प्रावधान क्यों नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से वहां वोट नहीं मिलेंगे। कश्मीर में 35ए हटने से बीजेपी को वोट मिलेगा।’