जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. चीन और नेपाल बार्डर से सटे उत्तराखंड के इलाकों में प्रशासन सैटेलाईट फोन की सुविधा मुहैया कराने जा रहा है. पिथौरागढ़ जिले में 49 गाँव ऐसे हैं जहाँ के लोग नेपाल का सिमकार्ड इस्तेमाल करते हैं. नेपाल के सिमकार्ड में नेटवर्क की समस्या बनी रहती है.
पिथौरागढ़ के जिला प्रशासन ने उन 49 ग्राम प्रधानों को सैटेलाईट फोन देने का फैसला किया है जहाँ पर नेटवर्क की समस्या ज्यादा है. जिला प्रशासन व्यास घाटी, धारचूला, जोहार घाटी और मनुस्यारी जैसे इलाकों में सैटेलाईट फोन उपलब्ध कराएगा.
सामान्य मोबाइल की तुलना में सैटेलाईट फोन की काल दर बहुत महंगी है इसलिए बहुत आवश्यकता पड़ने पर ग्राम प्रधान इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. सैटेलाईट फोन की काल दर 12 रुपये मिनट होती है. एसएमएस करने के लिए भी 12 रुपये ही खर्च करने होते हैं.
उत्तराखंड में जिन इलाकों में सैटेलाईट फोन पहुँचने जा रहा है वह दुर्गम इलाकों में गिना जाता है. बीएसएनएल समेत कोई भी मोबाइल कम्पनी ने वहां अपना टॉवर नहीं लगाया है. मौजूदा समय में चीन और नेपाल दोनों ही देशों से तनाव चल रहा है. ऐसे हालात में इस इलाके से भी सम्पर्क बनाए रखने के मकसद से भी ऐसा किया जा रहा है.
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जिन ग्राम प्रधानों को सैटेलाईट फोन दिए जाने हैं वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इनकमिंग और आउटगोइंग दोनों ही स्थितियों में 12 रुपये मिनट का चार्ज देना पड़ेगा जो बहुत ज्यादा है. ग्राम प्रधान चाहते हैं कि इनकमिंग पूरी तरह से फ्री हो और आउटगोइंग का चार्ज दो रूपये मिनट पड़े.