जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब भी जारी है। आलम तो यह है कि कोरोना को रोकने के लिए राज्य सरकारें लगातार लॉकडाउन का सहारा ले रही है।
दूसरी ओर सरकार लगातार लोगों को वैक्सीन लगाने की सलाह भी दे रही है। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में वैक्सीन की भारी कमी भी किसी से छुपी नहीं है।
दिल्ली , पंजाब वमहाराष्ट्र में वैक्सीन को लेकर घमासान मचा हुआ है। उधर बिहार में सारण से एक बेहद चौंकाने वाली खबर भी सामने आ रही है।
दरअसल यहां के डीएम ने एक फरमान जारी कराया है। उनके इस फरमान से सरकारी कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आखिर जिलाधिकारी ने क्या दिया फरमान
दरअसल जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा है कि जो भी सरकारी कर्मचारी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाएगा, उसे अगले आदेश तक सैलरी नहीं दी जाएगी।
उनके इस आदेश के बाद वहां के कर्मचारी परेशानी में पड़ गए है। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि सभी सरकारी कर्मचारी जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन लगवानी होगी और इसकी सूचना ऑफिस को देनी होगी। इसके साथ ही जो लोग वैक्सीन नहीं लगायेंगे उनका वेतन रोक दिया जायेगा अगले आदेश तक।
जिलाधिकारी के फरमान से क्यों परेशान है सरकारी कर्मचारी
दरअसल इस फरमान पर कर्मचारियों का कहना है कि जब वैक्सीन होगी तभी तो टीका लगेगा।
इतना ही नहीं जो 18+ वालों में आते हैं, 18 से 45 साल के बीच के कर्मचारियों के लिए वैक्सीन का स्लॉट अभी है ही नहीं। ऐसे में कैसे वैक्सीन लगेगी।
जिलाधिकारी ने क्यों दिया है इस तरह का फरमान
बताया जा रहा है कि सारण जिले में आपदा विभाग के कार्यालय सहायक प्रकाश कुमार पांडे कोरोना की चपेट में आ गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी।
उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवायी थी। उनकी मौत के बाद कहा गया था कि जो हर किसी को वैक्सीन लगवानी है और जो नहीं लगवाएगा उसे सैलरी नहीं दी जाएगी।
बता दें कि जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने भी टीका लगवाया था और सभी को कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण करवाने के लिए कहा था।