स्पेशल डेस्क
बुन्देलखंड। जाने-माने समाजसेवी और जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह को बुन्देलखण्ड में किये गये जल संरक्षण के उत्कृष्ठ कार्य के लिए बुन्देलखण्ड गौरव सम्मान से नवाजा गया है। बुन्देलखंड नागरिक सम्मान समारोह समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में उनको ये सम्मान दिया गया है।
सम्मान पान के बाद उत्तर में डॉ. संजय सिंह ने कहा कि वह दुनिया के जिस भी देश में गये वहां उन्हें बुन्देलखंड के पानी की हमेशा याद आती रही उन्होंने कहा कि वह बुन्देलखण्ड के जल संकट के लिए असाधारण प्रयास करेगे।
इस अवसर पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव कर संजय सिंह को जल ऋषि की उपाधि से सम्मानित किया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री रविन्द्र शुक्ला ने कहा कि यह अच्छाई का सम्मान है। अच्छाई और सच्चाई का समाज में सम्मान होते रहना चाहिए। धर्माचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि समाज के लिए कार्य करने वाला व्यक्ति सम्मान नहीं चाहता लेकिन समाज की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे लोगों का खोज-खोज कर सम्मान करे जो समाज सेवा में लगे है।
राज्य मंत्री हरगोविन्द्र कुशवाहा ने कहा कि समाजसेवा में लगे हुये लोगों को नीव के पत्थर बनकर काम करना होगा। अगर संजय सिंह ने अपने पिता को खोया है तो मेरे शरीर में भी 68 घाव है, संकटो, आभावों की परवाह कियें बिना हमें समाजसेवा में लगे रहना चाहिए।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि हमारा जीवन पंचतत्वों पर टिका है और इनका मनुष्य जीवन में बहुत बडा ऋण है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जल का संकट विकराल होता जा रहा है। इसके लिए हर व्यक्ति को जल संरक्षण एवं जल सम्बर्द्धन में अपना योगदान देना चाहिए एवं समाज की जिम्मेदारी बनती है कि समाज के प्रत्येक क्षेत्र के अच्छे लोगों का वह सम्मान करे।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को यह शरीर छोडने से पहले जल का ऋण चुकता करना चाहिए। डॉ. सुनील तिवारी ने बुन्देलखंड में पानी के गहराते जल संकट पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि तालाबों को बचाकर ही बुन्देलखण्ड की संस्कृति बचा सकतेे है। आभावों से जूझते हुये जल संरक्षण के कार्यो को संजय सिंह ने जारी रखा।
जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने संजय सिंह के जल संरक्षण के कार्यो को देखते हुए अपने अभियान का राष्ट्रीय संयोजक बनाया। एडीआर के राज्य समन्वयक अनिल शर्मा ने कहा कि समाज अगर अपराधी और माफियाओं के भय से कुछ बोल नहीं सकता तो कम से कम उनका अभिवादन ना करे और हर अच्छा व्यक्ति समाज के विभिन्न क्षेत्रों के अच्छे व्यक्तियों की तारीफ करे, जिससे समाज बुरों के खिलाफ अच्छों का एक मानक तैयार हो जाये।
सीए एशोसिएशन के अध्यक्ष शिवा लिखधारी ने कहा कि संजय सिंह से हमें जल संरक्षण की सीख लेनी चाहिए और अपने जीवन में उतारता चाहिए। आईएमए के अध्यक्ष डॉ प्रमोद गुप्ता ने कहा कि अपने सेवा काल में गुजरात के बलसाड में जब चैकडेमों का निर्माण होता देखा तो पानी के जल संकट को नहीं समझ पाया।
लेकिन जब बुन्देलखण्ड में आया तो जल संकट की भीषणता से रूबरू हुए। सिने अभिनेता आरिफ शहडोली ने कहा कि वह लोगों को जल संरक्षण के लिए साक्षर करने के लिए बुन्देलखण्ड की जल सहेलियों के ऊपर फिल्म बनायेगे जिसका कार्य उन्होंने शुरू कर दिया है।
सूचना जन अधिकार मंच के संयोजक मुदित चिरवारिया ने कहा कि समाज में बदलाव का कार्य करना बहुत कठिन होता है। संजय ने जिस सघर्ष के साथ कार्य किया वह युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। जन सूचना अधिकार मंच उनके प्रयासों से प्रेरणा लेकर इसे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में आगे बढायेगा। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग प्र्रमुख ने कहा कि अच्छाई का सम्मान देखकर मैं बुन्देलखण्ड के लोगों का धन्यवाद देता हूं ।
डॉ. मुहम्मद नईम ने कहा कि अंधेरे से लडने का दौर है पानी का संकट आज हमारे सामने विकराल होता नजर आ रहा है, इससे हम सबको मिलकर लडना होगा। कार्यक्रम के संयोजक अमित त्रिपाठी ने कहा कि बुन्देलखंड गौरव सम्मान का सिलसिला आगे जारी रहेगा और हम बुन्देलखण्ड उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अच्छे लोगों का खोज कर सम्मान करेगे।
कार्यक्रम का संचालन महेश पटैरिया ने किया। इस अवसर पर लखनऊ से सन्तोष श्रीवास्तव, जेपी उपाध्याय, झांसी के सन्तराम पेन्टर, मर्दनसिंह इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य रतनेश कुमार लिटोरिया, संदीप सिंह, देवकीनन्दर चैबे निर्मल जैन, रघुराज शर्मा, राजेश तिवारी, नीलम शर्मा, नरेश बुन्देला, नन्द किशोर, कृष्णलाल, अनिल वस्ती, भगवान दास, अम्बिका श्रीवास्तव, संध्या सिंह, अमरदीप बमोनिया, हेमन्त, दीपांशु सिंह, जितेन्द्र यादव, अभिनव आशीष, शिवानी सिंह, हिमांशु विमल, सोनिया पस्तोर सहित डेढ सैकडा से अधिक लोग उपस्थित रहे।