न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद शिवसेना ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद का राग छेड़ दिया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होने की बात पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कसम खाकर कहा कि बीजेपी ने बाला साहेब ठाकरे के कमरे में ’50-50′ का वादा किया था लेकिन अब झूठ बोल रही है।
संजय ने कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच बाला साहेब के कमरे में बातचीत हुई थी। इस दौरान शाह भी मौजूद थे। हम झूठ नहीं बोलेंगे, बाला साहेब की कसम खाते हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम झूठ का सहारा लेकर कोई बात नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘ बीजेपी ने बाला साहेब ठाकरे का अपमान किया है। बाला साहेब के कमरे ने बीजेपी ने वादा किया था। इस दौरान उद्धव और अमित शाह मौजूद थे। बाला साहेब का कमरा हमारे लिए मंदिर की तरह से है। हम झूठ नहीं बोल रहे। 50-50 का वादा बीजेपी ने वादा किया था और अब झूठ बोल रही है।’
इसके अलावा संजय राउत ने अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अमित शाह के साथ शिवसेना ने जो बातें बंद कमरे में तय की थी वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक नहीं पहुंचाई गईं। संजय राउत ने कहा कि यदि अमित शाह यह कहते हैं कि सभी सभाओं में पीएम मोदी ये बात करते रहे कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे तो उद्धव ठाकरे ने भी अपनी सभाओं में कहा था कि सभी को समान जगह दी जाएगी।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद ने कहा कि वो बंद कमरा जिसमें सभी बातें हुई वो कोई मामूली कमरा नहीं था, वो बाला साहब ठाकरे का कमरा था, हमारे लिए वो कमरा नहीं, मंदिर है। यदि कोई कहता है कि ऐसी बातें नहीं हुई तो ये बाला साहेब ठाकरे का अपमान है।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा कि अब बात महाराष्ट्र के स्वाभिमान की है, बात इसकी है कि, प्राण जाए पर वचन न जाए। राजनीति हमारे लिए व्यापार नहीं है। जो बात हुई वो प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाती तो हालात यहां तक नहीं पहुंचते।
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम पर पहली बार बोलते हुए बुधवार को कहा था कि पार्टी को शिवसेना की नई मांग स्वीकार्य नहीं है। अमित शाह ने कहा कि कई बार मैं और पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक तौर पर कह चुके थे कि अगर हमारा गठबंधन चुनाव जीतेगा तो देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे। उन्होंने कहा कि उस समय किसी ने इसका विरोध नहीं किया था। अब वे नई मांग के साथ सामने आए हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
शाह ने राज्यपाल के कदम का बचाव करते हुए कहा कि इससे पहले सरकार गठन के लिए इतना वक्त किसी राज्य में नहीं दिया गया था। 18 दिन का समय दिया गया। राज्यपाल में सभी पार्टियों को तभी बुलाया जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। शिवेसना, कांग्रेस, एनसीपी और न हमने सरकार बनाने का दावा किया। अगर आज भी किसी दल के पास नंबर है तो वो राज्यपाल के पास जा सकता है।
शाह ने कहा, ‘आज भी दलों के पास मौका है, एकत्र होकर वे राज्यपाल के पास जा सकते हैं। मौका न देने का सवाल कहां है। इस मुद्दे पर विपक्ष कोरी राजनीति कर रहा है। एक संवैधानिक पद को राजनीति के लिए इस तरह के घसीटना लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा नहीं है। राज्यपाल ने सबको 6 महीने का समय दे दिया बनाओ भाई सरकार।’
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘मेरी पार्टी का संस्कार कमरे में हुई बात को सार्वजनिक करने का नहीं है। राज्यपाल शासन के कारण सबसे बड़ा नुकसान बीजेपी का हुआ है। केयरटेकर सरकार चली गई। विपक्ष का नुकसान नहीं हुआ है। हमने विश्वासघात नहीं किया है।