न्यूज डेस्क
क्रिकेटर विराट कोहली की जिंदगी में अनुष्का के शामिल होने के बाद पिच पर जब-जब उनका बल्ला नहीं चला, इसके लिए अनुष्का को जिम्मेदार माना गया। ऐसा सिर्फ विराट के साथ ही नहीं अधिकांश क्रिकेटरों के साथ होता है। इसके अलावा क्रिकेटरों के साथ उनकी पत्नी या महिला मित्र को उनके साथ बाहर के दौरे में बोर्ड जाने की अनुमति नहीं देता है, इस पर भी खूब बहस होती रही है। फिलहाल इस पर सानिया मिर्जा ने भी सवाल उठाया है।
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने क्रिकेट दौरों पर क्रिकेटरों की पत्नियों और महिला मित्रों को साथ जाने की अनुमति नहीं देने की आलोचना की है। एक इंवेट में उन्होंने कहा कि दरअसल यह रवैया उस मानसिकता से बना है, जिसमें महिलाओं को ताकत नहीं बल्कि ध्यानभंग करने वाली माना जाता है।
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भारतीय आर्थिक मंच पर सानिया ने कहा कि लड़कियों को छोटी उम्र से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
सानिया से जब विश्व कप में पाकिस्तानी टीम की हार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पूछा कि आखिर वह इसके लिए कैसे जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘जब विराट शून्य बनाते हैं तो अनुष्का शर्मा को दोषी ठहराया जाता है, लेकिन इसका कहां से लेना देना है। इसका कोई मतलब नहीं बनता।’
सानिया मिर्जा ने कहा कि कई बार हमारी क्रिकेट टीम और कई अन्य टीमों में, मैंने देखा है कि पत्नियां या महिला मित्रों को दौरे पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती, क्योंकि लड़कों का ध्यान भंग हो जाएगा। इसका क्या मतलब है?
उन्होंने कहा कि महिलाएं ऐसा क्या करती हैं कि उससे पुरुषों का ध्यान इतना भंग हो जाता है? सानिया ने कहा- देखिए यह चीज उस गहरी मानसिकता से आती है, जिसमें माना जाता है कि महिलाएं ताकत नहीं, बल्कि ध्यान भंग करती हैं।
सानिया मिर्जा ने कहा कि अब तो यह साबित भी हो चुका है कि टीम में पुरुष खिलाड़ी तब बेहतर प्रदर्शन करते हैं जब उनकी पत्नियां और महिला मित्र और उनका परिवार उनके साथ रहता है, क्योंकि इससे जब वे कमरे में आते हैं तो वे खुशी महसूस करते हैं। जब आपकी पत्नी या महिला मित्र आपके साथ होती हैं तो इससे आपको सहयोग मिलता है।
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